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मिजोरम ने बचाई कांग्रेस की नाक

आईजोल । समाचार डेस्क: मिजोरम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बहुमत हासिल करते हुये सरकार बनाने के लिये तैयार है. चार राज्यों में हार झेल चुकी कांग्रेस पार्टी के लिए यह जीत ‘संजीवनी’ की तरह होगी. 40 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस ने 32 सीटें जीत ली हैं.

मुख्यमंत्री ललथनहावला रिकार्ड नौवीं बार चुनाव जीतने में सफल रहे. वह दो सीटों पर उम्मीदवार थे और दोनों ही सीटें जीत ली हैं. इनमें सरछिप और हरंग्टुजरे सीट शामिल है. मिजोरम में निवर्तमान विधानसभा में कांग्रेस की 32 सीटें हैं. प्रदेश की सीमाएं म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा से जुड़ती है. कांग्रेस यहां पांचवीं बार सत्ता में आई है. भाजपा ने यहां 17 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे सभी सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा.

भारी जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री ललथनहावला ने कहा, “लोगों ने हमारी सरकार की सफलता को देखते हुए वोट दिया है.”

ललथनहावला ने इस जनजातीय और ईसाई बहुल राज्य में कांग्रेस का आधार मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया. पार्टी की भारी जीत को देखते हुए कार्यकर्ताओं ने जमकर जश्न मनाया.

उधर, मिजो नेशनल फ्रंट ने पांच सीट पर जीत दर्ज की है. एमएनएफ तीन पार्टियों के गठबंधन मिजोरम डेमोक्रेटिक एलांयस का नेतृत्व कर रही है.एमडीए के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार जोरामथंगा लगातार दूसरी बार चुनाव हार गए. निर्वतमान सरकार के एकमात्र उद्योग एवं पर्यटन मंत्री एस. हियातो चुनाव हार गए हैं.

मिजोरम के संयुक्त प्रमुख निर्वाचन अधिकारी एच.लेलंगामाविया ने को बताया, “सुबह आठ बजे से राज्य के आठ जिला मुख्यालयों में मतगणना कड़ी सुरक्षा के बीच हुई.”

40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 25 नवंबर को कराए गए मतदान में राज्य के 81 फीसदी से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. मतगणना में 142 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा, इनमें छह महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं.

राज्य में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन एमडीए के बीच है. एमडीए में एमएनएफ, मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस और मारालैंड डेमोक्रेटिक फ्रंट शामिल हैं. एमएनएफ 31, एमपीसी आठ और एमडीएफ ने सिर्फ एक सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. भारतीय जनता पार्टी )के 17, जोरम नेशनलिस्ट पार्टी के 38 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे.

40 में 39 सीट जनजातीय उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं जबकि सिर्फ एक सामान्य वर्ग की सीट है. त्रिपुरा में शरण लेने वाले रेयांग जनजातीय शरणार्थियों ने डाक के जरिए मतदान किया. 2008 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 32, एमएनएफ को तीन और एडीसी को एक जबकि एमपीसी और जेडएनपी को दो-दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी.

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