खेलराष्ट्र

सचिनमय हुआ पूरा देश

मुम्बई | एजेंसी: वानखेड़े स्टेडियम में सचिन के अंतिम टेस्ट मैच के पहले ही पूरा देश सचिनमय हो गया है. गुरुवार को वानखेड़े स्टेडियम में उमड़ती भीड़, सरकार द्वारा सचिन के नाम से डाक टिकट जारी किये जाने तथा पुस्तक मेले में सचिन से संबंधित पुस्तकों की

रिकार्ड बिक्री ने पूरे देश के माहौल को सचिनमय बना दिया है. शांति के नोबेल पुरस्कार और भारत रत्न से सम्मानित मदर टेरेसा के अलावा सचिन पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके नाम पर जीवनकाल में ही डाक टिकट जारी किया गया.

भारतीय क्रिकेट टीम ने वानखेड़े स्टेडियम में गुरुवार को वेस्टइंडीज के साथ शुरू हुए दूसरे टेस्ट मैच में टॉस जीतकर पहले गेदंबाजी करने का फैसला किया है. यह सचिन तेंदुलकर के करियर का 200वां और अंतिम टेस्ट मैच है. सचिन इस मैच के बाद क्रिकेट जगत को

अलविदा कह देंगे. सचिन से दर्शकों को अच्छी पारी की उम्मीद है. वह कोलकाता में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 10 रन ही बना सके थे. भारत ने वह मैच एक पारी और 51 रनों से जीतकर दो मैचों की इस श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है.

सचिन तेंदुलकर की उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए गुरुवार को उनके नाम पर एक डाक टिकट जारी किया गया. केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री मिलिंद देवड़ा ने बीसीसीआई के पूर्व प्रमुख और मुम्बई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष शरद पवार तथा केंद्रीय

संसदीय कार्यमंत्री एवं आईपीएल के पूर्व प्रमुख राजीव शुक्ला की मौजूदगी में सचिन के हाथों यह डाक टिकट जारी किया.

डाक टिकट जारी करने का कार्यक्रम सचिन के करियर के 200वें और अंतिम टेस्ट मैच के शुरू होने से ठीक पहले वानखेड़े स्टेडियम की सीमा रेखा के पास आयोजित किया गया.

सचिन वेस्टइंडीज के खिलाफ जारी दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के बाद क्रिकेट को अलविदा कह देंगे. वह अपने घरेलू मैदान पर खेलते हुए संन्यास लेंगे.

प्रशंसकों के बीच क्रिकेट का भगवान बन चुके सचिन तेंदुलकर न केवल खेल के मैदान और विज्ञापनों की दुनिया में बल्कि पटना में आयोजित पुस्तक मेले में भी धूम मचा रहे हैं. सचिन ने गुरुवार से अपने क्रिकेट करियर के अंतिम टेस्ट मैच की शुरुआत भले ही गृह शहर

मुंबई के मैदान से की है, लेकिन इधर पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान के पुस्तक मेले में भी उनका जादू पुस्तक प्रेमियों के सिर चढ़कर बोल रहा है.

उनसे संबंधित पुस्तकों का आकर्षण न केवल युवाओं बल्कि बुजुगरें में भी देखने को मिल रहा है. प्रकाशकों का कहना है कि ऐसे तो पटना पुस्तक मेले में सचिन से संबंधित पुस्तकों की बिक्री हर साल होती थी लेकिन इस साल उनके जीवन पर आधारित पुस्तकों की बिक्री

अधिक हो रही है.

प्रभात प्रकाशन ने इस मेले में सचिन पर लिखी पुस्तकें ‘मास्टर ब्लास्टर’ और शुभम पाल द्वारा लिखी ‘सचिन तेंदुलकर-प्रश्नोत्तरी’ पेश की हैं. प्रभात प्रकाशन के राजेश शर्मा ने बताया, “इन दोनों पुस्तकों की मांग पुस्तक प्रेमियों में अधिक है. केवल बुधवार को दोनों पुस्तकों

की 12 से 15 प्रतियां बिक गई हैं.”

शर्मा कहते हैं, “सचिन तेंदुलकर-प्रश्नोत्तरी’ में सचिन से संबंधित एक हजार प्रश्न और उनके उत्तर हैं, इस कारण सचिन को जानने के इच्छुक लोग इस पुस्तक को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं.”

इधर, पेंग्विन प्रकाशन के स्टॉल पर भी सचिन के प्रशंसक उनसे संबंधित पुस्तकों को खरीदने के लिए पहुंच रहे हैं. पेंग्विन प्रकाशन के आर. क़े अग्रवाल बताते हैं कि ‘द स्टोरी ऑफ द वल्र्डस ग्रेटेस्ट बैट्समैन’, ‘सचिन ऑटर सैन्चूरी’ और ‘सचिन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’

नाम की पुस्तकों की सबसे ज्यादा मांग है. उन्होंने बताया कि ये तीनों किताबें दो दिन के अंदर ही पूरी बिक गईं. पुस्तक प्रेमियों की मांग पर एक-दो दिनों में और प्रतियां मंगाई जा रही हैं.

इधर, सचिन के बुजुर्ग प्रशंसकरविशंकर कहते हैं कि वह ‘द स्टोरी ऑफ द वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट बैट्समैन’ खरीदने आए थे परंतु वह किताब उन्हें नहीं मिल सकी. उनका मामना है कि क्रिकेट जगत में सचिन से बड़ा न कभी कोई हुआ है और न होगा, इस कारण उनके विषय में

जानने की लालसा सभी को होती है. वह कहते हैं कि सचिन पर लिखी पुस्तकें महंगी जरूर हैं परंतु खरीदना तो होगा ही क्योंकि वह क्रिकेट के भगवान हैं.

उल्लेखनीय है कि सचिन अपना आखिरी और 200वां टेस्ट मैच मुंबई के वानखेड़े मैदान में खेल रहे हैं. उसके पहले ही पूरे देश का सचिनमय हो जाना उनके प्रति भारतवासियों के प्रेम तथा सम्मान को ही दर्शाता है.

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