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चीन और रूस हमारे साझेदार: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली | एजेंसी: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि उनकी चीन तथा रूस की यात्रा भारत के विकास व उन्नति के लिए रणनीतिक अवसर तैयार करेगा. गौर तलब है कि प्रधानमंत्री रविवार को रूस तथा चीन की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए हैं. उन्होंने कहा, “यह हमारे विशेष और विशेष सुविधा युक्त कूटनीतिक साझेदारी का महत्वपूर्ण रूप है.”

मनमोहन सिंह ने कहा कि रूस के साथ भारत के संबंध की गुंजाइश अदभुत है जिसमें रक्षा, परमाणु ऊर्जा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी, हाइड्रोकार्बन, व्यापार और निवेश सहित अन्य क्षेत्रों का मजबूत एवं निरंतर सहयोग शामिल है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पुतिन के साथ पश्चिम एशिया और अफगानिस्तान सहित प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मसले पर चर्चा करेंगे.

उन्होंने कहा कि मास्को स्टेट इंस्टीट्यूट आफ इंटरनेशनल रिलेशंस द्वारा उन्हें डाक्टरेट की दी जाने वाली मानद उपाधि दोनों देश के संबंध का प्रतीक है.

मनमोहन सिंह ने कहा कि चीन में उनकी यात्रा से वहां की नई सरकार से वार्ता जारी रखने का अवसर मिलेगा.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में पिछले नौ सालों में चीन सरकार के साथ दोनों पक्षों ने कूटनीतिक और सहयोगी साझेदारी और द्विपक्षीय संबंधों के लिए सहयोग एवं संवाद की प्रक्रिया पेश की है.

उन्होंने कहा, “हम साथ-साथ सीमा पर शांति स्थापित करने के लिए महत्वपूर्ण सहमति तक पहुंचे हैं और भारत-चीन सीमा के सवाल को सुलझाने की दिशा में शुरुआती प्रगति हुई है.”

सिंह ने कहा कि वह दोनों देशों के एक समान कूटनीतिक हितों को मजबूती देने के तरीके एवं साधन पर चर्चा करेंगे.

उन्होंने कहा कि दोनों देशों की अपनी-अपनी चिताएं है जिस पर मित्रता एवं सहयोग के वातावरण को प्रभावित किए बिना ईमानदारी और परिपक्वता के साथ ध्यान दिया जा रहा है.

ज्ञात्वय रहे कि भारत, रूस तथा चीन ब्रिक्स देशो की मजबूत कड़ी हैं. यह तीनो देश एशिया के हैं तथा दुनिया की राजनीति तथा अर्थनीति में महत्वपूर्ण भूमिका का निबाह करते हैं. भारत-रूस-चीन तीनो मिलकर न केवल एक बड़े बाजार का निर्माण करते हैं वरन् विदेशी निवेश को भी आकर्षित करते हैं. ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री की इन दोनों देशो की यात्रा अपने आप में रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है.

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