बेनज़ीर हत्या मामले में मुशर्रफ पर आरोप तय
रावलपिंडी | एजेंसी: पाकिस्तान में एक आतंकवाद विरोधी अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ एवं छह अन्य लोगों को 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या मामले में आरोपी बनाया है. यह जानकारी वकीलों ने दी. बेनजीर की हत्या के समय मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति थे. मुशर्रफ ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक मंशा से प्रेरित बताया है.
मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्व राष्ट्रपति को अदालत में पेश किया गया. बेनजीर पर 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी में एक चुनावी सभा के बाद फिदायीन हमला किया गया था और गोलियां चलाई गई थीं जिसमें उनकी मौत हो गई.
आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश चौधरी हबीब-उर-रहमान ने छह अन्य लोगों को भी इस मामले में आरोपी बनाए जाने का संकेत दिया. अन्य आरोपियों में दो पूर्व पुलिस अधिकारी शामिल हैं.
जिन लोगों को मुशर्रफ के साथ आरोपी बनाया गया है उनमें पूर्व पुलिस अधिकारी सऊद अजीज और खुर्रम शहजाद के अलावा हसनैन गुल, रफाकत हुसैन, शेर जमान और अब्दुल रशीद शामिल हैं.
हत्या मामले की जांच कर रही संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने रावलपिंडी स्थित अदालत में मुशर्रफ के खिलाफ आरोपपत्र पेश किया.
एफआईए ने मुशर्रफ के खिलाफ चार बिंदुओं वाला आरोपपत्र दायर किया है. जांच एजेंसी ने बेनजीर भुट्टो की हत्या की साजिश रचने का अरोप लगाया है.
आरोपपत्र में एक अमेरिकी पत्रकरार मार्क सिएगेल सहित चार गवाहों के साथ-साथ बेनजीर के बयान को भी शामिल किया गया है.
एफआईए के अधिकारियों का कहना है कि आरोप पत्र सीगल के बयान के आधार पर तैयार किया गया है, जिन्होंने दावा किया है कि मुशर्रफ ने भुट्टो को उस समय धमकी दी थी, जब वह उनके साथ बैठे हुए थे.
अमेरिका में भुट्टो के लॉबिस्ट का काम कर चुके सीगल ने कहा कि बेनजीर ने उनसे कहा था कि उन्हें यदि कोई नुकसान होता है तो उसके लिए मुशर्रफ जिम्मेदार होंगे.
इसके पहले उन्होंने कहा था कि मुशर्रफ ने जब इन आरोपों का खंडन किया था तो उस समय वह भुट्टो के साथ लंदन में थे.
आरोप पत्र में कहा गया है कि सीगल के बयान में मुशर्रफ को मुख्य आरोपी बताया गया है. इसमें उन पर आतंकवाद के आरोप भी लगाए गए हैं. इसके मुताबिक मुशर्रफ इस मामले में खुद को निर्दोष साबित करने में नाकाम रहे हैं.
एटीसी ने पिछले साल सीगल को अदालत में आकर अपना बयान दर्ज कराने के लिए सम्मन भेजा था.
मुशर्रफ के खिलाफ यह आरोप पत्र प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की उस घोषणा के कुछ सप्ताह बाद दाखिल किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि संविधान को निरस्त करने के आरोप में उन पर राजद्रोह का मुकदमा चलाया जाएगा.
मुशर्रफ को वर्ष 2006 में एक सैन्य अभियान के दौरान कबायली नेता नवाब अकबर बुगती की हत्या के मामले में इसी वर्ष जून में गिरफ्तार किया गया और एक पखवाड़े तक न्यायिक हिरासत में रखा गया.
सुरक्षा कारणों से उन्हें इस्लामाबाद स्थित उनके घर पर ही बंद रखा गया और उनके घर को उप जेल का दर्जा दे दिया गया था. आतंकवादी विरोधी अदालत ने इस मामले की सुनवाई 27 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है.