बंगला छोड़ा है, इरादा नहीं-ठाकरे
मुंबई | डेस्क : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि उन्होंने सीएम का बंगला छोड़ा है, लेकिन अपना इरादा नहीं. शिवसेना प्रमुख इस समय अपनी ही पार्टी के अंदर से बग़ावत का सामना कर रहे हैं.
उन्हें अपनी सहयोगी पार्टियों कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) का पूरा समर्थन मिल रहा है, लेकिन उनके अपने कई विधायक उनसे नाराज़ हैं.
बीबीसी के अनुसार पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बाग़ी विधायक गुवाहाटी में बैठे हैं. एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके साथ 46 से अधिक विधायकों का समर्थन हैं, जिनमें से अधिकतर शिवसेना के ही हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ पार्टी के ज़िला अध्यक्षों को संबोधित करते हुए उद्धव ने कहा- पार्टी ने पहले भी बग़ावत का सामना किया है, उसके बाद भी पार्टी दो बार सत्ता में आई. मैं ‘वर्षा’ (सरकारी आवास) छोड़कर आया हूँ, अपना इरादा नहीं.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में उन्हें स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी समस्याओं का सामना करना पड़ा. वे कोरोना से भी लड़े और फिर अपनी बीमारी से भी. उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष ने इस स्थिति का फ़ायदा उठाया.
शिवसेना के बाग़ी विधायकों का आरोप है कि पार्टी प्रमुख के पास उनसे मिलने का समय नहीं होता था और कई बार उनसे मिलने भी नहीं दिया जाता था. इन विधायकों की ये भी मांग थी कि शिवसेना को महाविकास अघाड़ी से निकल जाना चाहिए.
इस समय शिवसेना का कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन है और मुख्यमंत्री हैं उद्धव ठाकरे.
इस बैठक के बाद शिवसेना नेता सचिन अहीर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के भाषण के बाद पार्टी नेताओं में उत्साह है. उन्होंने कहा कि भले ही विधायक यहाँ न हों, लेकिन पार्टी बरकरार है.
उन्होंने कहा कि पार्टी का पूरा आधार है और इसी भावना के साथ वे लड़ते रहेंगे.