राजीव शुक्ल और रंजीता रंजन ने भरा पर्चा
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के उम्मीदवार राजीव शुक्ला और रंजीत रंजन ने पर्चा भर दिया है. राज्य में 90 में से 71 विधायक कांग्रेस पार्टी के हैं. इसलिए दोनों की जीत को लेकर किसी भी तरह का संशय नहीं है.
हालांकि छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने भी पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिदास भारद्वाज को मैदान में उतारा है.
छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी समस्या पूछे जाने पर राजीव शुक्ला ने कहा कि किसानों के लिए, खेती-बाड़ी के लिए बहुत कुछ करने की ज़रुरत है. उन्होंने इसे ही सबसे बड़ी समस्या बताया.
बाहरी बनाम भीतरी
राज्य सभा सदस्यों के चयन में बाहरी बनाम भीतरी का मुद्दा पूरे देश भर में छाया हुआ है.
कांग्रेस पार्टी ने छत्तीसगढ़ की दो में दोनों सीटें राज्य से बाहर के लोगों को दी हैं.
इसी तरह हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र की एक-एक सीटों पर भी बाहरी लोगों को जगह दी गई है.
राजस्थान के सभी तीन सीटें राज्य से बाहर के नेताओं को दी गई हैं.
अकेला मध्यप्रदेश और तमिलनाडु ऐसे राज्य हैं, जहां की एक-एक सीट पर राज्य के लोगों को ही जगह दी गई है.
आलोचना का दौर छत्तीसगढ़ में जारी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार के नाम की घोषणा के दो दिन बाद भी दोनों सीटें राज्य से बाहर के लोगों को दिए जाने को लेकर सवालों का दौर जारी है.
नामों की घोषणा से कुछ घंटे पहले तक माना जा रहा था कि एक सीट किसी बाहर के उम्मीदवार को दी जाएगी. जबकि एक सीट पर राज्य से तुलसी साहू को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. तुलसी साहू को तो नाम घोषणा के कुछ पहले, पार्टी अध्यक्ष ने बीच रास्ते से रायपुर बुलाया था.
लेकिन सारे कयास धरे रह गए और पार्टी ने राजीव शुक्ल और रंजीत रंजन को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा में भेजने की घोषणा कर दी.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि देश भर में, प्रियंका गांधी के आसपास रहने वाले नेताओं को ही राज्यसभा में भेजा गया है और उनकी ही पसंद का ध्यान रखा गया है.
सभी 10 उम्मीदवार ऐसे हैं, जो प्रियंका गांधी के करीब माने जा रहे हैं.
रंजीता रंजन कश्मीरी पंडित हैं, जिनके परिवार ने सिक्ख धर्म स्वीकार कर लिया था. वे बिहार के बहुचर्चित विधायक और सांसद पप्पू यादव से विवाह के बाद राजनीति में आईं और लोकसभा चुनाव जीत कर संसद में पहुंची थीं.
राजीव शुक्ला, जाने-माने पत्रकार रहे हैं. क्रिकेट संघों में सक्रिय रहे हैं. उनकी पत्नी अनुराधा प्रसाद न्यूज 24 की मुखिया हैं. वहीं साले रविशंकर प्रसाद भाजपा सरकार में कद्दावर मंत्री रहे हैं. राजनीतिक गलियारे में राजीव शुक्ला को एक चुप्पा और कोटरी का नेता कहा जाता है.
छत्तीसगढ़ में राजीव शुक्ला की एंट्री के बाद कहा जा रहा है कि वे ‘कांग्रेस पार्टी के अमर सिंह’ हैं, जिनकी पार्टी आलाकमान के साथ-साथ दूसरे दलों में भी अच्छी पैठ रही है.
मुख्यमंत्री ने दी सफाई
नामांकन के बाद राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यसभा अपर हाउस है. वहां देश की अंदर की व बाहर दोनों की समस्याओं पर बात होती है. हमारे यहां से भेजे जा रहे दोनों प्रत्याशियों को हाउस का अनुभव है, लिहाजा वे वहां अपनी बात रखेंगे.
भूपेश बघेल ने स्थानीय व्यक्ति को राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनाये जाने के सवाल पर कहा कि ऐसा होता है, सभी पार्टियां केंद्रीय नेताओं को दूसरे प्रदेश से भेजती है. अभी भाजपा ने भी यूपी से सातवें प्रत्याशी के रूप में आंध्र-तेलंगाना के नेता का नामांकन दाखिल कराया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मध्यप्रदेश से राज्यसभा जाती रहीं.
इससे पहले कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा था कि पार्टी ने बहुत कुछ दिया है, अब पार्टी के लिए त्याग का समय है.