छत्तीसगढ़िया ही होगा कृषि विश्वविद्यालय का कुलपति
रायपुर | संवाददाता: रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में स्थानीय कुलपति की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. ख़बर है कि कुलपति चयन के लिए बनाई गई कमेटी ने जिन नामों की अनुशंसा की है, वे सभी नाम स्थानीय हैं.
पिछले कुछ दिनों से स्थानीय व्यक्ति को कुलपति बनाये जाने की मांग को लेकर राजनीतिक गलियारे में काफी हलचल थी. स्थानीय कुलपति की मांग को लेकर राज्यपाल निवास के समक्ष प्रदर्शन भी किया गया था.
अब राजभवन के सूत्रों का कहना है कि कुलपति के लिए चयन समिति ने केवल स्थानीय नामों पर ही विचार किया और केवल स्थानीय नामों की ही अनुशंसा की है.
राजभवन के सूत्रों का कहना है कि कुलपति चयन के लिए कई बड़े नाम रखे गये थे. इसमें भारत सरकार में कार्यरत डॉक्टर एस के मल्होत्रा का नाम भी चयन कमेटी के सामने रखा गया था. लेकिन चयन कमेटी के सदस्यों ने इन नामों पर विचार नहीं किया.
गौरतलब है कि कृषि विश्वविद्यालय में कुलपति डॉक्टर संदीप पाटिल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नये कुलपति के चयन के लिए पूर्व मंत्री अरविंद नेताम, विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के सदस्य आनंद मिश्रा और प्रशासनिक अधिकारी के बतौर सुब्रत साहु की कमेटी बनाई गई थी.
इस कमेटी ने चार नामों की एक सूची शासन को सौंपी थी. लेकिन इस कमेटी की अनुशंसा को ठुकरा दिया गया.
इसके बाद कुलपति चयन के लिए एक नई कमेटी बनाई गई. इस कमेटी का अध्यक्ष गुजरात के जूनागढ़ कृषि विवि के पूर्व कुलपति डा. अरविंद पाठक को बनाया गया.
राजभवन के सूत्रों का कहना है कि कुलपति के लिए राज्य से बाहर के उम्मीदवारों के भी नाम प्रस्तावित किए गये थे. लेकिन कमेटी ने बाहरी नामों को खारिज कर दिया.
इसके बाद कमेटी की ओर से संभवतः पांच स्थानीय उम्मीदवारों के नाम की एक सूची बना कर, शासन को सौंप दिया गया है. हालांकि इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
राजभवन के सूत्रों का कहना है कि कुलपति के लिए जो सूची शासन को सौंपी गई है, उनमें कम से कम दो नाम ऐसे हैं, जो भाजपा और संघ से जुड़े रहे हैं.
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय जैसा हाल…
इधर कुलपति चयन को लेकर पिछले कई दिनों से राजनीतिक गलियारे में हंगामा मचा हुआ है. विश्वविद्यालय के कर्मचारी और छात्र संगठन पहले ही स्थानीय नेताओं के चयन को लेकर प्रदर्शन कर चुके हैं.
हालांकि राजनीतिक गलियारे में इस बात को लेकर चर्चा है कि कुलपति के रुप में भले स्थानीय उम्मीदवार को चुने जाने की संभावना है लेकिन इस बात की भी आशंका है कि कहीं राज्यपाल, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय की तरह इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में भी भाजपा और संघ से जुड़े किसी नाम पर अपनी मुहर न लगा दें.
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति के लिए गठित चयन समिति ने राज्य सरकार की पसंद वाले कुछ नामों के अलावा शुरुआती क्रम के बाद भाजपा और संघ की पृष्ठभूमि के भी कुछ नामों की अनुशंसा की थी.
राज्यपाल ने इन नामों में से संघ समर्थक पत्रकार बल्देव भाई शर्मा के नाम पर मुहर लगा दी थी. सत्ताधारी दल में इस बात को लेकर भारी हंगामा मचा था. राज्य सरकार ने कुलपति चयन की प्रक्रिया को ही बदलने की कोशिश की.
लेकिन राज्य सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा और उसके बाद से बल्देव भाई शर्मा कुलपति के पद पर बने हुए हैं.