अचानकमार में घायल बाघिन बांधवगढ़ से पहुंची थी
बिलासपुर | संवाददाता: अचानकमार टाइगर रिज़र्व के जंगल में घायल मिली बाघिन छत्तीसगढ़ की नहीं, बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व की है. फिलहाल इस बाघिन का इलाज, बिलासपुर के कानन पेंडारी जू में चल रहा है.
इस घायल बाघिन को लेकर पहले दिन से ही संशय बना हुआ था कि बाघिन छत्तीसगढ़ की ही है या मप्र के कान्हा नेशनल पार्क से भोरमदेव के रास्ते छत्तीसगढ़ पहुंची है. लेकिन अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए थे.
अब कानन पेंडारी के सूत्रों ने बताया कि देहरादून वन्यजीव संस्थान ने अपनी पड़ताल में पाया है कि यह बाघिन बांधवगढ़ की है.
इस बाघिन को 2006 से अब तक लगातार होने वाली गणना में बांधवगढ़ कैमरा ट्रैप में पाया गया है और बाघों की गणना में इसे शुमार भी किया गया है.
गौरतलब है कि पिछले महीने के पहले सप्ताह में एक घायल बाघिन के छपरवा रेंज के सांभरधसान इलाके में होने की जानकारी ग्रामीणों ने वन विभाग को दी थी. लगभग चार दिनों तक यह बाघिन एक ही जगह पर भटकती हुई पाई गई.
इसके बाद कान्हा नेशनल पार्क के वन्यजीव विशेषज्ञों और चिकित्सकों की मदद से बाघिन को बेहोश कर के कानन पेंडारी लाया गया.
बाघिन के पीठ और पैर में गहरे घाव थे. ये घाव कैसे बने, इसे लेकर वन विभाग स्पष्ट नहीं है.
छत्तीसगढ़ सरकार दो साल में अधिसूचना नहीं निकाल पाई
बांधवगढ़ की इस बाघिन के गुरुघासीदास नेशनल पार्क के इलाके से छत्तीसगढ़ में प्रवेश की संभावना जताई जा रही है.
अगर ऐसा है तो कान्हा के अलावा संजय और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कॉरिडोर से भी वन्यजीवों, यहां तक कि बाघ के भी आने-जाने का सिलसिला अब भी बना हुआ है.
ऐसे में गुरुघासीदास नेशनल पार्क पर अतिरिक्त ध्यान देने की ज़रुरत थी.
मुख्यमंत्री @bhupeshbaghel जी की अध्यक्षता में आज उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य वन्य जीव बोर्ड की 11वीं बैठक में प्रदेश के कोरिया जिले के अंतर्गत गुरू घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने का निर्णय लिया गया। pic.twitter.com/EX9w6HCx0l
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) November 24, 2019
लेकिन पिछले दो सालों में वन्यजीव बोर्ड के फैसले के बाद भी आज तक, छत्तीसगढ़ सरकार गुरुघासीदास-तमोर पिंगला को टाइगर रिजर्व घोषित करने की अधिसूचना भी जारी नहीं कर पाई है.
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बनेगा टाइगर रिजर्व –
राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक में लिया गया चौथा टाइगर रिजर्व बनाने का फैसला..
लुप्त हो रहे वन्य प्राणियों का होगा संरक्षण pic.twitter.com/TcMcUpCUYx
— Chhattisgarh Youth Congress (@IYCChhattisgarh) November 27, 2019
राज्य सरकार ने गुरुघासीदास-तमोर पिंगला को टाइगर रिजर्व बनाने का फैसला 2019 में किया था. लेकिन कैंपा के पैसों को खर्च करने में व्यस्त राज्य सरकार को इसे अधिसूचित करने का समय अब तक नहीं मिल पाया है.