चिटफंड घोटाला : 50 हज़ार करोड़ में से 7 करोड़ वापस
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में चिटफंड कंपनियों के मामले में अब पिछली सरकार के मंत्रियों और कलेक्टरों पर भी कार्रवाई हो सकती है. विपक्ष में रहते हुये भूपेश बघेल ने चिटफंड घोटाले में शामिल अफ़सरों और मंत्रियों के ख़िलाफ़ सबूत मिलने का दावा किया था.
भूपेश बघेल ने कहा था कि अगर उनकी सरकार आई तो इन मंत्रियों और अफसरों को जेल भेजा जायेगा.
15 साल के गंदे खेल#रमन_सिंह_जाएंगे_जेल
चिटफंड कंपनियों को बुलाकर जनता के 50 हजार करोड़ हजम करने वाले रमन सिंह और उनके मंत्रियों को कांग्रेस की सरकार भेजेगी जेल एवं चिटफंड निवेशकों का डूबा पैसा दिलाएगी वापस। pic.twitter.com/nINmufEX0V
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 7, 2018
सरकार में आने के लगभग दो साल बाद भूपेश बघेल ने चिटफंड कंपनियों द्वारा किये गये कथित रुप से 50 हज़ार करोड़ रुपये के घोटाले में से सात करोड़ 33 लाख रुपये निवेशकों को वापस करवाने का काम किया है.
राजनांदगांव की चिटफंड कंपनी याल्स्को रियल स्टेट एंड एग्रो फार्मिग लिमिटेड के निवेशकों को धनतेरस के दिन यह रकम वापस की गई है. सरकार इसे बड़ी उपलब्धि की तरह देख रही है.
इस कंपनी के डायरेक्टरों के स्वामित्व की कुल 292.36 एकड़ अचल संपत्ति पाई गई थी. विशेष न्यायालय से आदेश के बाद इसकी नीलामी कराई गई, जिससे आठ करोड़ 15 लाख 34 हजार 345 रुपये प्राप्त हुए थे. हालांकि कुल 17 हजार 171 निवेशकों ने 24 करोड़ 75 लाख 47 हजार 337 रुपये का दावा प्रस्तुत किया था. लेकिन अभी सरकार ने इसमें से केवल एक तिहाई लोगों को ही उनकी रकम लौटाने का काम किया है.
चिटफंड कंपनियों में जनता के 10,000 करोड़ डूब गए. कलेक्टरों के कहने पर नौकरी करने वाले युवा जेल में हैं. कांग्रेस सरकार अफसरों को जेल भेजेगी.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) January 12, 2017
सरकार का दावा है कि सत्ता में आने के बाद से भूपेश बघेल की सरकार ने लगभग दो वर्षों में कुल 34 कंपनियों के विरूद्ध धोखाधड़ी की शिकायत प्राप्त होने पर 63 प्रकरण दर्ज कर सख्त कार्यवाही करते हुये 43 डायरेक्टरों, 08 पदाधिकारियों को गिरफ्तार कर तत्काल न्यायालय प्रस्तुत किया गया.
विगत 02 वर्षों में वर्ष 2018 के पूर्व के प्रकरणों में से कुल 43 प्रकरणों के 80 आरोपियों को अन्य राज्यों से गिरफ्तार कर लाया गया है, जिनमें मध्यप्रदेश के 39 आरोपी, महाराष्ट्र के 09 आरोपी, राजस्थान के 05 आरोपी, ओड़िशा के 09 आरोपी, दिल्ली के 07 आरोपी, पश्चिम बंगाल के 02 आरोपी, उत्तर प्रदेश के 07 आरोपी, बिहार के 02 आरोपी शामिल हैं.
राज्य में वर्ष 2018 तक किसी भी कंपनी की संपत्ति की नीलामी नहीं किया गया था और न ही कोई राशि जप्त की गई थी. वर्ष 2019 में पुलिस द्वारा चिटफण्ड कंपनियों एवं उनके डायरेक्टरों की चल-अचल सम्पत्ति के पहचान की लगातार कार्यवाही करके कुल 123 प्रकरणों में कुर्की की कार्यवाही हेतु जिला कलेक्टर को प्रतिवेदन भेजा गया. जिला कलेक्टरों द्वारा 29 अनियमित वित्तीय संस्थानों, डायरेक्टरों की सम्पत्ति को कुर्की का अंतिम आदेश हेतु न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया.
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में चिटफंड निवेशकों के खाते में ऑनलाईन राशि अंतरित की।
'न्याय' का वादा
पक्का है इरादा pic.twitter.com/3hmuxBdqna— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) November 13, 2020
इसमें से अब तक 17 प्रकरणों में न्यायालय द्वारा कुर्की का अंतिम आदेश पारित कर नीलामी, वसूली की कार्यवाही कर 09 करोड़ 04 लाख 40 हजार 220 रूपये शासन के खाते में जमा की गई. कुल 10 निवेशकों को कुल 22 लाख 94 हजार 243 रूपये वापस की गई. 02 प्रकरणों में नीलामी वसूली की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. 84 प्रकरणों में जिला कलेक्टर द्वारा कुर्की का अंतरिम आदेश हेतु कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.
माना जा रहा है कि सरकार आने वाले दिनों में दूसरी कंपनियों के निवेशकों को भी पैसा वापस लौटाने का काम करेगी.
चिटफंड कंपनियों को बुलाने और उन्हें संरक्षण देने के लिए तो #CG के अधिकारी और मंत्री सब जेल जाएंगे. वादा रहा @drramansingh जी.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 12, 2016
इसके अलावा घोटाले में शामिल मंत्रियों और कलेक्टरों पर भी पंजा कसा जा सकता है.