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देश टैक्स टेररिज़्म से टैक्स ट्रांसपेरेंसी की ओर-मोदी

नई दिल्ली | डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के टैक्स सुधारों पर ज़ोर देते हुए कहा कि देश अब टैक्स टेररिज़्म से टैक्स ट्रांसपेरेंसी की ओर बढ़ रहा है. वे कटक में स्थित आयकर न्यायाधिकरण भवन का उद्घाटन करते हुए अपने विचार व्यक्त कर रहे थे.

उन्होंने कहा-गुलामी के लंबे कालखंड ने कर दाता और टैक्स कलेक्टर, दोनों के रिश्तों को शोषित और शोषक के रूप में ही विकसित किया. दुर्भाग्य से आज़ादी के बाद हमारी जो टैक्स व्यवस्था रही उसमें इस छवि को बदलने के लिए जो प्रयास होने चाहिए थे, वो उतने नहीं किए गए.

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब आम जन से वो टैक्स ले तो किसी को तकलीफ न हो, लेकिन जब देश का वही पैसा नागरिकों तक पहुंचे, तो लोगों को उसका इस्तेमाल अपने जीवन में महसूस होना चाहिए. जब बादल बरसते हैं, तो उसका लाभ हम सभी को दिखाई देता है. लेकिन जब बादल बनते हैं, सूर्य पानी को सोखता है, तो उससे किसी को तकलीफ नहीं होती. इसी तरह शासन को भी होना चाहिए.

नरेंद्र मोदी ने टैक्सपेयर को लेकर कहा कि जब वो देखता है कि विभाग ने खुद पुराने विवाद को सुलझा दिया है, तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है. जब उसे फेसलेस अपील की सुविधा मिलती है, तब वो टैक्स व्यवस्था की पारदर्शिता को और ज्यादा महसूस करता है. जब वो देखता है कि इनकम टैक्स कम हो रहा है, तब उसे टैक्स पारदर्शिता अनुभव होती है.

उन्होंने कहा कि आज का टैक्सपेयर पूरी टैक्स व्यवस्था में बहुत बड़े बदलाव और पारदर्शिता का साक्षी बन रहा है. जब उसे रीफंड के लिए महीनों इंतजार नहीं करना पड़ता, कुछ ही सप्ताह में उसे रीफंड मिल जाता है, तो उसे पारदर्शिता का अनुभव होता है. पहले की सरकारों के समय शिकायतें होती थीं टैक्स टेररिज़्म की. आज देश उसे पीछे छोड़कर टैक्स पारदर्शिता की तरफ बढ़ रहा है.

नरेंद्र मोदी ने कहा कि टैक्स टेररिज़्म से टैक्स ट्रांसपैरेंसी का ये बदलाव इसलिए आया है क्योंकि हम रिफ़ॉर्म, परफ़ॉर्म और ट्रांसफ़ॉर्म की अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं. हम सुधार कर रहे हैं नियमों में, प्रक्रियाओं में और इसमें टेक्नॉलॉजी की भरपूर मदद ले रहे हैं. हम परफ़ॉर्म कर रहे हैं साफ नीयत के साथ, स्पष्ट इरादों के साथ. और साथ ही साथ हम कर प्रशासन के रवैये को भी सुधार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में है जहां टैक्सपेयर के अधिकारों और कर्तव्यों दोनों को संहिताबद्ध किया गया है, उनको कानूनी मान्यता दी गई है. टैक्सपेयर और टैक्स कलेक्ट करने वाले के बीच विश्वास बहाली के लिए, पारदर्शिता के लिए, ये बहुत बड़ा कदम रहा है.

देश के वेल्थ क्रिएटर को लेकर उन्होंने कहा कि जब मुश्किलें कम होती हैं, वेल्थ क्रिएटर को सुरक्षा मिलती है, तो उसका विश्वास देश की व्यवस्थाओं पर और ज्यादा बढ़ता है. इसी बढ़ते विश्वास का परिणाम है कि अब ज्यादा से ज्यादा साथी देश के विकास के लिए टैक्स व्यवस्था से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सरकार की सोच ये है कि जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हो रहा है, उस पर पहले पूरी तरह विश्वास करो. इसी का नतीजा है कि आज देश में जो रिटर्न फाइल होते हैं, उनमें से 99.75 प्रतिशत बिना किसी आपत्ति के स्वीकार कर लिए जाते हैं. ये बहुत बड़ा बदलाव है जो देश के टैक्स सिस्टम में आया है.

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