हाथरस पीड़िता के इलाज में लापरवाही
नई दिल्ली | संवाददाता : हाथरस में बर्बरता की शिकार युवती की ऑटोप्सी रिपोर्ट में कई राज खुले हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि युवती का आरंभिक इलाज कमज़ोर तरीके से किया गया.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पीड़िता की मौत गला दबाने और उसके साथ हुई बर्बर मारपीट से हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि युवती की रीढ़ की हड्डी पर भी चोट के निशान थे. ये रिपोर्ट दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल द्वारा जारी की गई है, जहां 20 वर्षीय युवती की मंगलवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
डॉक्टरों की अंतिम डायग्नोसिस रिपोर्ट में रेप का जिक्र नहीं किया गया है लेकिन पीड़िता के इंटरनल पार्ट में छेड़छाड़ के संकेत दिए गए हैं.
रिपोर्ट में लिखा गया है कि युवती की मौत रीढ़ की हड्डी में जोरदार चोट लगने की वजह से हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि उसके गले पर दुपट्टा से गला घोंटने के भी निशान हैं लेकिन उसकी वजह से मौत नहीं हुई. 14 सितंबर को गांव के ही उच्च जाति के चार युवकों ने युवती के साथ गैंगरेप किया था.
युवती खेतों में नग्न अवस्था में मिली थी. उसके शरीर से खून बह रहा था. उसके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे और हड्डियां टूटी हुई थीं.उसकी जीभ भी काट दी गई थी.
अस्पताल ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के सारांश में लिखा है, “मरीज का शुरुआती इलाज कमजोर तरीके से किया गया और उसके अटेंडेंट को बताया गया कि मरीज की हालत स्थिर है. बाद में पर्याप्त उपचार के बावजूद रोगी की हालत धीरे-धीरे बिगड़ती गई और उसकी मौत हो गई.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे CPR भी दिया गया लेकिन हरसंभव कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका. मंगलवार सुबह 8.55 बजे उसकी मौत हो गई.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा है कि वे बलात्कार की पुष्टि के लिए फॉरेंसिक रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी दावा किया कि महिला की जीभ काट दी गई थी क्योंकि संघर्ष के दौरान युवती ने दांत से उसे काटा होगा, इससे गुस्साए युवकों ने उसकी जीभ काट दी होगी और हमलावरों ने उसका गला घोंटने की कोशिश की होगी.