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निजामुद्दीन से ट्रेन पकड़ी तो भी कोरोना का ख़तरा

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने उन लोगों की भी जांच पड़ताल शुरु कर दी है, जो निजामुद्दीन के आसपास से भी गुजरे थे. इनमें अधिकांश लोग ग़ैर मुस्लिम हैं.

इससे पहले मंगलवार को राज्य सरकार ने दावा किया था कि तबलिग़ी जमात के धार्मिक आयोजन में शामिल हो कर छत्तीसगढ़ पहुंचे 32 लोगों की पहचान कर उन्हें क्वारंटीन सेंटर में रखा है. इसके अलावा 69 लोगों को आइसोलेशन में भी रखा गया है.

सरकारी अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार ने 159 लोगों की जो सूची उपलब्ध कराई है, उसी आधार पर ताज़ा कार्रवाई की गई है. इनमें वो लोग हैं, जो निजामुद्दीन के आसपास के इलाके से गुजरे हैं. इनका तबलीग़ी जमात से कोई लेना-देना नहीं है.

माना जा रहा है कि तबलीग़ी जमात के मरकज़ से लगे हुये इलाके में लगे हुये सेल फ़ोन टावर की जद में जितने भी लोग आये, उन सबकी सुरक्षा का ध्यान रखते हुये, उन्हें कोरोना वायरस संदिग्ध मान कर सूची तैयार की गई है.

ऐसी ही एक सूची में शामिल सरगुजा के अंबिकापुर में रहने वाले व्यापारी नवीन गुप्ता ने कहा-“कल स्वास्थ्य विभाग के लोग एक सूची लेकर मेरे घर पहुंचे थे और उन्होंने मेरी जांच की. मेरा तबलीग़ी जमात के मरकज़ या उसके किसी भी आयोजन से कोई लेना-देना नहीं है. निजामुद्दीन इलाके से मेरा रिश्ता केवल इतना भर है कि मैं 15 मार्च को दिल्ली की हज़रत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठकर छत्तीसगढ़ पहुंचा हूं.”

बिहार के अररिया ज़िले के पोठिया गांव के रहने वाले मणि कुमार मिश्रा पिछले कुछ सालों से छत्तीसगढ़ के बिल्हा में रहते हैं.

11 मार्च को वे अररिया से सीमांचल एक्सप्रेस में अपने एक परिजन को लेकर दिल्ली पहुंचे. परिवार के सदस्यों के साथ तीन-चार दिन गुजारने के बाद 16 मार्च को वे हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से उत्कल एक्सप्रेस में बैठ कर अगले दिन बिलासपुर पहुंच गये.

मणि कुमार मिश्रा कहते हैं-“कल से आज तक स्वास्थ्य विभाग की टीम कई बार आ चुकी है. अलग-अलग सरकारी अधिकारियों के पांच-छह बार फ़ोन आ चुके हैं. मैंने सबको अपना हाल बताया है और मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं.”

छत्तीसगढ़ के अंतिम हिस्से पर बसे कोरिया ज़िले के मोहम्मद शाहिद के सेलफ़ोन का उपयोग उनकी बेटी के. निशा करती रही हैं. गोरखपुर के एक गांव के रहने वाले मोहम्मद इम्तियाज़ से ब्याह के बाद वे दिल्ली चली आईं.

रोहिणी के सेक्टर 37 में रहने वाले इम्तियाज़ का कहना है कि हमलोग सुन्नी हैं और तबलिग़ी जमात से हमारा कोई वास्ता नहीं है. तबलिग़ी जमात के किसी धार्मिक आयोजन में तो शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है.

इम्तियाज़ ने कहा-“कल दोपहर से अब तक कम से कम 40-50 फ़ोन आ चुके हैं. सबको वही-वही बात बता कर थक चुका हूं. दिल्ली में रहता हूं तो निजामुद्दीन के इलाके से गुजरा होउंगा, मुझे तो याद भी नहीं है. लॉक डाउन के बाद से तो घर पर ही हूं. कल पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मेरे ससुर के घर भी पहुंची थी.”

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