महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन
नई दिल्ली | डेस्क: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य में राज्यपाल शासन लगाने की अनुशंसा कर दी है. इस बीच सरकार बनाने के लिए अतिरिक्त समय नहीं मिलने के चलते शिव सेना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
राज्यपाल के फैसले के खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. शिवसेना ने इस मामले में तुरंत सुनवाई की मांग की थी. इसके कुछ देर बाद ही रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति शासन की मंजूरी दे दी. ऐसे में अब शिवसेना ने राष्ट्रपति शासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दूसरी अर्जी देने का निर्णय लिया है.
इधर गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि महाराष्ट्र के राज्यपाल नतीजे आने के बाद से पिछले 15 दिनों से हालात पर नज़र रखे हुए थे और कोई भी विपक्षी दल सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी, इसलिए राष्ट्रपति शासन बेहतर विकल्प था.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के इशारे पर महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है, जिसका उनकी पार्टी विरोध करती है.
कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा है कि राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा जिस तरह से की गई है, वह लोकतंत्र और संविधान का मजाक़ उड़ाने की कोशिश है. अहमद पटेल ने कहा कि शिव सेना ने सोमवार को ही समर्थन मांगा था. इससे पहले कांग्रेस और एनसीपी कुछ बातों को स्पष्ट कर लेना चाहती थी.
इधर एनसीपी के नेता शरद पवार ने कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर बात होने के बाद शिव सेना से भी बात होगी.