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नासा की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ का बुरा हाल

रायपुर | संवाददाता : छत्तीसगढ़ के कोरबा और रायगढ़ को दुनिया भर में प्रदूषण फैलाने वाले 50 टॉप इलाकों में शामिल किया गया है. यह रिपोर्ट नासा के आंकड़ों पर आधारित है, जिसे जाने-माने संगठन ग्रीनपीस ने विश्लेषित कर के जारी किया है.

छत्तीसगढ़ के कोरबा को इस सूची में 17 वां स्थान मिला है. जबकि रायगढ़ को 48 नंबर पर रखा गया है.

इस रिपोर्ट के अनुसार कोयला आधारित बिजली संयंत्र इसके लिये प्रमुख तौर पर जिम्मेवार हैं. इन दोनों शहरों से उत्सर्जित होने वाले प्रदूषण का पूरे छत्तीसगढ़ पर असर पड़ रहा है और प्रदूषण के कारण राज्य का हाल बुरा है.

इस रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की 91% आबादी उन क्षेत्रों में रहती है, जहाँ बाहरी वायु प्रदूषण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के दिशा-निर्देश सीमा से अधिक है. यही कारण है कि हर साल केवल वायु प्रदूषण के कारण 4.2 मिलियन लोग समय से पहले मर जाते हैं.

नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के आंकड़ों के एक विश्लेषण के अनुसार, ओएमआई (ओजोन मॉनिटरिंग इंस्ट्रूमेंट) उपग्रह द्वारा पता लगाए गए दुनिया के सभी मानवजनित सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ2) उत्सर्जन के हॉटस्पॉट की तुलना में भारत में 15 प्रतिशत अधिक है.

इस पूरी रिपोर्ट के आंकड़े यहां क्लिक कर के देखे जा सकते हैं.

भारत में प्रमुख एसओ2 उत्सर्जन हॉटस्पॉट मध्य प्रदेश के सिंगरौली, तमिलनाडु के नेवेली और चेन्नई, ओडिशा के तालचेर और झारसुगुड़ा, छत्तीसगढ़ के कोरबा, गुजरात के कच्छ, तेलंगाना के रामागुंडम और महाराष्ट्र में चंद्रपुर और कोराडी हैं. इस विश्लेषण के अनुसार, भारत में अधिकतर संयंत्रों में वायु प्रदूषण कम करने के लिए किसी गंभीर और आवश्यक उपायों को नहीं अपनाया गया है.

नासा के आंकड़ों पर आधारित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एसओ2 का उत्सर्जन करने में भारत शीर्ष स्थान पर इसलिए है क्योंकि यहां एसओ2 उत्सर्जन के सबसे अधिक हॉटस्पॉट हैं. वायुमंडल में एसओ2 का सबसे बड़ा स्रोत बिजली संयंत्रों और अन्य औद्योगिक इकाइयों में उपयोग किया जाने वाला कोयला है.

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