स्वास्थ्य

ज्यादा पढ़ोगे तो होगा दिमाग खराब

न्यूयॉर्क | एजेंसी: अब तक ऐसा माना जाता रहा है कि कम शिक्षा के कारण कठिनाई से आजीविका कमा सकने वाले लोगों में मस्तिष्क की बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है. लेकिन वैज्ञानिकों ने एक नए शोध के बाद पाया कि अत्यधिक शिक्षा के कारण भी मानसिक बीमारी का खतरा हो सकता है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि शोध में शामिल ऐसे लोगों, जिनकी शिक्षा उनकी नौकरियों की अपेक्षा कहीं अधिक है, में मानसिक तनाव जैसी बीमारी होने का खतरा अधिक पाया गया. यह शोध 21 यूरोपीय देशों के 16,600 नौकरीपेशा लोगों के बीच किया गया. शोध में शामिल व्यक्तियों की आयु 25 से 60 के बीच थी.

विज्ञान खबरों की वेबसाइट ‘लाइवसाइंस डॉट कॉम’ ने शोधकर्ता एवं बेल्जियम के घेंट विश्वविद्यालय के समाजिक विज्ञान के प्राचार्य पीट ब्रेके के हवाले से कहा, “अतिशिक्षित लोगों में मानसिक तनाव का खतरा अधिक होने का मुख्य कारण यह है कि परिभाषानुसार, उन्हें अपनी नौकरियों से वैसी चुनौती नहीं मिलती जिसके लिए उन्हें सीखे गए अपने सभी कौशलों का इस्तेमाल करना पड़े.”

शोधकर्ताओं ने शनिवार को न्यूयार्क में हुई अमेरिकी सामाजिक समिति की बैठक में अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया. शोधकर्ताओं ने शोध के प्रतिभागियों से पूछे गए प्रश्नों के जवाब के आधार पर उनके मानसिक तनाव का अंकन किया.

ब्रेके ने कहा कि वे अपेक्षाकृत कम प्रतिष्ठित नौकरियों में खुद को पाते हैं, तथा वे सहयोग के लिए अनुचित व्यक्तियों पर निर्भर रहते हैं. वे सहायता प्रदान करने में सक्षम व्यक्तियों की बजाय दूसरे व्यक्तियों से सहायता मांगते हैं, जिसके कारण भी उनमें मानसिक तनाव का खतरा बढ़ जाता है.

ब्रेके का कहना है कि यदि शिक्षा से मिलने वाले आर्थिक संबल में कमी आती है तो इसके कारण भी अतिशिक्षित लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है.

ब्रेके के शोध से आए परिणामों को मानें तो ऐसे लोगों को जिन्होंने करियर के शुरू में अपनी शिक्षा से कमतर स्तर की नौकरी पाई है, तो उन्हें कुछ ही वर्षो में बेहतर नौकरी के अवसरों की तलाश करनी चाहिए. अन्यथा वे मानसिक तनाव का शिकार हो सकते हैं.

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