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स्वाइन फ्लू से हेल्थ डायरेक्टर की मौत

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ फिर से स्वाइन फ्लू के खतरे के दौर से गुजर रहा है. इस बार इस बीमारी ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर महेंद्र जंघेल को अपने कब्जे में लिया.

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का आलम ये रहा कि मेडिकल कॉलेज में स्वाइन फ्लू की जब जांच की गई तो श्री जंघेल में उसके लक्षण नहीं पाये गये. यही कारण है कि उन्होंने अपनी सर्दी-खांसी को बहुत गंभीरता से नहीं लिया.

लेकिन बाद में जब वे एक निजी अस्पताल में भर्ती कराये गये और वहां स्वाइन फ्लू की जांच की गई तो उनमें स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गई.

शनिवार को उन्हें बेहतर इलाज के लिये एयर लिफ्ट कर के हैदराबाद ले जाया गया था. लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका और रविवार को उनकी मौत हो गई.

हालांकि चिकित्सकों का कहना है कि कई बार आरंभिक जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि नहीं हो पाती.

राज्य में इस साल अब तक स्वाइन फ्लू से यह तीसरी मौत है. इससे पहले भिलाई और बालोद ज़िले में भी इस खतरनाक बीमारी से के एक-एक मरीज की मौत हो चुकी है.

स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इस साल अब तक 130 मरीजों को स्वाइन फ्लू होने के शक में उनके सैंपल जांच के लिये भेजे गये थे. इनमें से 14 मरीज इससे ग्रस्त पाये गये.

हालांकि कई बार पहली जांच में स्वाइन फ्लू का पता नहीं चल पाने के भी मामले सामने आये हैं.

महेंद्र जंघेल के मामले में भी ऐसा ही हुआ. सप्ताह भर पहले दिल्ली से लौटने के बाद उन्हें सर्दी-खांसी हुई, जिसे उन्होंने सामान्य तौर पर लिया.

लेकिन जब बात बिगड़ी तो उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. उनकी आरंभिक रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू होने के प्रमाण नहीं पाये गये थे. लेकिन जब दुबारा जांच की गई तो उनमें इसके लक्षण होने की बात सामने आई.

देश भर में इस बीमारी के इस साल 6,601 मामले सामने आये हैं, जिनमें से 226 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इसमें सर्वाधिक 128 मौत अकेले राजस्थान में हुई है.

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