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तो कुत्ते भी शेर को मार डालते हैं-भागवत

नई दिल्ली | संवाददाता: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि यदि शेर अकेला होता है तो जंगली कुत्ते भी उसे शिकार बना सकते हैं. उन्होंने हिंदुओं को एकजुट होने की अपील की है. मोहन भागवत दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस में शिकागो में बोल रहे थे.

मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू समाज तभी समृद्ध होगा जब वह समाज के रूप में काम करेगा.

उन्होंने कहा कि हमारे काम के शुरुआती दिनों में जब हमारे कार्यकर्ता हिंदुओं को एकजुट करने को लेकर उनसे बातें करते थे तो वे कहते थे कि शेर कभी झुंड में नहीं चलता. लेकिन जंगल का राजा शेर या रॉयल बंगाल टाइगर भी अकेला रहे तो जंगली कुत्ते उस पर हमला कर अपना शिकार बना सकते हैं.

हिंदुओं का एक होना मुश्किल

उन्होंने कहा कि हिंदुओं का एक साथ आना अपने आप में एक मुश्किल चीज है. हिंदू धर्म में कीड़े को भी नहीं मारा जाता है, बल्कि उस पर नियंत्रण किया जाता है. मोहन भागवत ने कहा कि हिंदू किसी का विरोध करने के लिए नहीं जीते. हम कीड़े-मकौड़ों को भी जीने देते हैं. ऐसे लोग हैं जो हमारा विरोध कर सकते हैं. आपको उन्हें नुकसान पहुंचाए बगैर उनसे निपटना होगा.

उन्होंने कहा कि हमें एक होना होगा. यह सही पल है. हमने अपना अवरोहण रोक दिया है. हम इस पर मंथन कर रहे हैं उत्थान कैसे होगा. हम कोई गुलाम या दबे-कुचले देश नहीं हैं. भारत के लोगों को हमारी प्राचीन बुद्धिमता की सख्त जरूरत है.

मोहन भागवत ने कहा कि आदर्शवाद की भावना अच्छी है, लेकिन वह ‘आधुनिकता विरोधी’ नहीं हैं और ‘भविष्य हितैषी’ हैं. इस संदर्भ में उन्होंने हिंदू महाकाव्य ‘महाभारत’ में युद्ध एवं राजनीति का जिक्र किया और कहा कि राजनीति किसी ध्यान सत्र की तरह नहीं हो सकती और इसे राजनीति ही होना चाहिए.

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