कमल शुक्ला को हाईकोर्ट से जमानत
बिलासपुर | संवाददाता: विवादास्पद कार्टून पोस्ट करने के मामले में पत्रकार कमल शुक्ला को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है. शुक्ला के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा और संघ के खिलाफ फेसबुक पर आपत्तिजनक कार्टून पोस्ट करने का आरोप था. इस मामले में राष्ट्रपति से शिकायत की गई थी, जिसके बाद राष्ट्रपति भवन ने मामले में कार्रवाई के लिये छत्तीसगढ़ सरकार को पत्र लिखा था.
26 जुलाई को हाईकोर्ट ने इस मामले में अग्रिम जमानत देते हुये कहा है कि वे पूछताछ के लिये उपलब्ध रहेंगे. उनकी गिरफ्तारी की स्थिति में उन्हें 25000 रुपये के मुचलके पर संबंधित अधिकारी को रिहा करना होगा.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पत्रकार कमल शुक्ला पर जस्टिस लोया के मामले में कथित रुप से एक अपमानजनक कार्टून फेसबुक पर शेयर करने का आरोप है. हालांकि फेसबुक ने वह कार्टून हटा लिया है. लेकिन इसके बाद राजस्थान के एक व्यक्ति की शिकायत पर पुलिस ने कमल शुक्ला के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया था.
20 अप्रैल 2018 को यह कार्टून फेसबुक पर साझा किया गया था, जिसे कमल शुक्ला ने 21 अप्रैल को अपनी वॉल पर शेयर किया. इस कार्टून को शेयर करने वालों की संख्या हज़ारों में थी लेकिन शिकायतों के बाद फेसबुक ने वह कार्टून खुद ही ‘ब्लॉक’ कर दिया.
इस मामले में पुनीत जांगिर ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिख कर इस मामले में कार्टून शेयर करने वाले के खिलाफ़ मामला दर्ज करने का अनुरोध किया. जिसके बाद राष्ट्रपति भवन ने छत्तीसगढ़ सरकार को चिट्ठी लिख कर इस मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिये कहा. मामला राष्ट्रपति भवन की चिट्ठी का था, इसलिये पुलिस ने 28 अप्रैल को कांकेर थाने में 0156/18 क्रमांक में धारा 124 ए के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया और जांच की कार्रवाई भी शुरु कर दी.
कमल शुक्ला के अधिवक्ताओं का कहना था कि इस मामले में केदारनाथ सिंह बनाम बिहार सरकार के 1962 सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अभी हाल ही में कई मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने उदाहरण मानते हुये फैसले दिये हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनज़र यह मामला देशद्रोह की श्रेणी में नहीं आता.