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कोयला उप कर से करोड़ों की कमाई

रायपुर | संवाददाता: भारत सरकार स्वच्छ ऊर्जा पहल के नाम पर कोयला उप कर से अरबों रुपये कमाती है लेकिन इस मद में आधी रकम भी खर्च नहीं करती. हालांकि इस मद में छत्तीसगढ़ पर हर साल होने वाला खर्च लगातार बढ़ता गया है. लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार इस मद में प्राप्त पैसे का किस तरह सदुपयोग करती है, इस संबंध में कोई विशेष जानकारी नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय यानी एमएनआरई के पास उपलब्ध नहीं है. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस उप कर के खर्च से संबंधित जानकारी उपलब्ध की जा रही है.

आंकड़ों के अनुसार स्वच्छ ऊर्जा उप कर के मद में 2013-14 में 3471.98 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें से राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा निधि के लिये केवल 1650 करोड़ रुपये ही दिये गये. 2014-15 में कमाई 5393.46 करोड़ था, जिसमें से 4700 करोड़ रुपये राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा निधि में दिये गये. लेकिन 2015-16 में यह कमाई 12675.60 करोड़ रुपये की कमाई हुई लेकिन खर्च के लिये केवल 5123.09 करोड़ रुपये ही दिये गये.

2016-17 और 2017-18 में इस मद में क्रमशः 28,500 करोड़ और 29700 करोड़ रुपये की कमाई हुई. लेकिन इस कमाई में से खर्च के लिये महज 6902.74 और 8703 करोड़ रुपये ही जारी किये गये.

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय यानी एमएनआरई द्वारा स्वच्छ ऊर्जा पहल के मद में छत्तीसगढ़ को 2013-14 में 12.04 करोड़ रुपये की रकम दी गई थी. 2014-15 में 30.83, 2015-16 में 39.13, 2016-17 में 72.92 और 2017-18 में इस मद में 161.96 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ को दिये गये.

इसी मद में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय व सीसी द्वारा 2015-16 में 34.85 करोड़, 2016-17 में 37.71 और 2017-18 में इस मद में 42.46 करोड़ रुपये की रकम छत्तीसगढ़ को आवंटित की गई.

पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा स्वच्छ ऊर्जा पहल मद में छत्तीसगढ़ में 2012-13 और 2014-15 में क्रमशः 1958.4 लाख और 2065.4 लाख रुपये दिये गये.

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