कुपोषण खत्म करने हर बच्चे पर 23 रुपया खर्च
रायपुर | संवाददाता: कुपोषण कम करने के लिये छत्तीसगढ़ में बच्चों पर होने वाले खर्च में असाधारण बढोत्तरी हुई है. पिछले साल कुपोषण कम करने के लिये पोषण आहार के नाम पर प्रति बच्चा 5.10 रुपया खर्च के आंकड़े थे. लेकिन ताज़ा आंकड़ों पर यकीन करें तो रायगढ़ जिले में यह खर्च 23 रुपये से अधिक है.
छत्तीसगढ़ के 27 जिलों में 2017 में 24.68 लाख बच्चों व महिलाओं के लिए साल भर में कुल 460 करोड़ रुपए आवंटित किये गये थे. यानी की प्रत्येक के लिए एक साल में 1863 रुपयों का प्रावधान था. इस प्रकार प्रतिदिन प्रति बच्चे व महिलाओं पर पूरक पोषण आहार के लिए महज 5.10 रुपए खर्च किया जा रहा था. लेकिन सोमवार को विधानसभा में विधायक उमेश पटेल के सवाल के जवाब जो जानकारी आई है, उसने इन आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया है.
रायगढ़ जिले में नवंबर 2017 में कुल 25,964 बच्चे कुपोषित पाये गये थे. इनमें 4382 बच्चे गंभीर कुपोषित थे. इनके पूरक पोषण आहार कार्यक्रम पर 2017-18 में 19 करोड़ 79 लाख 56 हज़ार 924 रुपये खर्च किये गये. अगर प्रत्येक बच्चे पर साल भर में खर्च की गई रक़म देखें तो यह 7624.28 रुपये के आसपास होती है. यानी हर बच्चे पर पोषण आहार के मद में प्रति दिन 20.88 पैसे खर्च किये गये.
लेकिन इसके अलावा बाल संदर्भ योजना, अमृत दूध योजना, महतारी जतन योजना जैसी योजनाओं पर होने वाले सारे खर्च को जोड़ दें तो यह 22 करोड़ 37 लाख 24 हज़ार 213 रुपये होती है. अगर कुपोषण के नाम पर होने वाले सभी खर्च को जोड़ दें तो यह रकम प्रत्येक बच्चे पर प्रति वर्ष 8616.70 होती है. यानी हर दिन 23 रुपये 60 पैसे की रक़म खर्च की गई.