पी वी सिंधु का कांस्य पदक पक्का
क्वांगचो | एजेंसी: युवा महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने शुक्रवार को विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप के एकल वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचकर जहां इतिहास रच दिया वहीं महिला वर्ग में ही सायना नेहवाल और पुरुष एकल में पारूपल्ली कश्यप पदक हासिल करने से चूक गए.
सायना और कश्यप जहां क्वार्टर फाइनल की बाधा पार नहीं कर सके वहीं प्री-क्वार्टर फाइनल में मौजूदा चैम्पियन चीन की यिहान वांग को हराने वाली सिंधु ने सेमीफाइनल में जगह बनाकर अपने लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया.
इस प्रकार सिंधु देश के लिए विश्व चैम्पियनशिप में व्यक्तिगत पदक जीतने वाली पहली महिला बन जाएंगी. सिंधु से पहले भारत ने इस चैम्पियनशिप में सिर्फ दो पदक जीते थे. 1983 में प्रकाश पादुकोण ने कोपेनहेगन में कांस्य जीता था जबकि उसके 28 साल बाद ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने 2011 में लंदन में महिला युगल का कांस्य हासिल किया था.
यिहान को हराने के बाद मनोबल से ओतप्रोत सिंधु ने शुक्रवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में चीन की ही शिजियान वांग को 21-18, 21-17 से हराया. कड़े संघर्ष वाला ये मैच 55 मिनट चला.
सातवीं वरीय वांग और 10वीं वरीय सिंधु के बीच यह दूसरी भिडंत थी. दोनों ही बार सिंधु ने बाजी मारी है. इससे पहले उन्होंने इस साल एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में वांग को पराजित किया था.
भारत के लिए बैडमिंटन में ओलम्पिक पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी सायना विश्व चैम्पियनशिप में पहला व्यक्तिगत पदक जीतने वाली महिला बनने का गौरव हासिल कर सकती थीं लेकिन वह चूक गईं. इसी तरह कश्यप भी भारत की झोली को आबाद नहीं कर सके. ये दोनों शुक्रवार को ही क्वार्टर फाइनल मैच में हार गए.
टूर्नामेंट की तीसरी वरीय खिलाड़ी सायना को कोरिया की इयोन जू बेई ने 23-21 21-9 से मात दी. टूर्नामेंट की 13वीं वरीय बेई और सायना के बीच इससे पहले सात बार भिड़ंत हुई थी. सायना चौथी बार क्वार्टर फाइनल में हारी हैं. इससे पहले वह 2009, 2010 और 2011 में अंतिम-8 दौर में हार गई थीं.
लंदन ओलम्पिक में अंतिम-8 दौर तक का सफर तय करने वाले कश्यप ने प्री-क्वार्टर फाइनल में छठे वरीय हांगकांग के खिलाड़ी युन हू को हराया था लेकिन क्वार्टर फाइनल में वह तीसरे वरीय चीनी खिलाड़ी पेंग्यू दू के खिलाफ 16-21 22-20 21-15 से हार गए.