रविशंकर बोले- हम प्रेस की आजादी के लिए प्रतिबद्ध हैं
नई दिल्ली। डेस्क: केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार मामले में अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की पत्रकार रचना खैरा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने पर टिप्पणी की है. प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार प्रेस की आजादी के लिए प्रतिबद्ध है. रविशंकर प्रसाद ने इसके साथ ही कहा है कि हमारी सरकार आधार की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि एफआईआर अज्ञात के खिलाफ की गई है. मैंने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से कहा है कि वो ट्रिब्यून और उसके पत्रकार से प्रार्थना करें कि वो असली आरोपियों तक पहुंचने में पुलिस की मदद करें. गौरतलब है कि यूआईडीएआई ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है, इस एफआईआर में अनिल कुमार, सुनील कुमार और राज के भी नाम शामिल हैं क्योंकि रचना ने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान इन्हीं से संपर्क किया था।
ये है मामला
आपको बता दें कि रचना खैरा ( द ट्रिब्यून) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि कुछ लोग पैसे लेकर आधार नंबर बेच रहे हैं, उनकी रिपोर्ट में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा केवल 500 रु के बदले व्हॉट्सएप पर आधार नंबर मुहैया कराने का दावा किया गया था, यही नहीं जब उस अज्ञात व्यक्ति को 300 रुपये और दिए गए तो उसने ऐसा सॉफ्टवेयर दिया, जिसके जरिये किसी भी व्यक्ति के आधार को प्रिंट किया जा सकता था।
यूआईडीएआई ने तुरंत इस मामले की जांच कराने की बात कही
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद ही काफी हड़कंप मच गया था, यूआईडीएआई ने तुरंत इस मामले की जांच कराने की बात कही थी तो दूसरी ओर विपक्ष को मौका मिल गया था, सरकार के ऊपर निशाना साधने का, इस मामले की जानकारी ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (क्राइम ब्रांच) आलोक कुमार ने मीडिया को दी, उन्होंने कहा कि रचना खैरा और अखबार के खिलाफ साइबर सेल में आईपीसी की विभिन्न धाराओं (419, 420, 468 और 471) के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
संपादक ने बोलने से मना किया
हालांकि अखबार ‘द ट्रिब्यून’ के प्रधान संपादक हरीश खरे ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया है. यूआईडीएआई के शिकायत निवारण विभाग के बीएम पटनायक ने मामला दर्ज कराया है, उनकी शिकायत में कहा गया है कि इन लोगों ने जानबूझकर आपराधिक षडयंत्र के तहत अनाधिकृत तरीके से आधार सिस्टम में घुसपैठ की है, जो कि कानून का उल्लंघन है इसलिए इन्हें सजा मिलनी ही चाहिए।