अप्रैल से संसद नहीं होंगे सचिन और रेखा
नई दिल्ली। डेस्क: सचिन तेंडुलकर और रेखा अप्रैल से संसद में नहीं दिखेंगे. अप्रैल से राज्यसभा की तस्वीर भी बदल जायेगी. राज्यसभा में 27 जनवरी को कांग्रेस के तीन सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा सबसे बड़ी होगा. लेकिन, राज्यसभा की वास्तविक तस्वीर अप्रैल, 2018 में बदलेगी, जब कुल 55 सदस्यों का कार्यकाल पूरा होगा.
अप्रैल में जिन लोगों का कार्यकाल पूरा होगा, उनमें केंद्रीय अरुण जेटली, जेपी नड्डा, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, राजीव शुक्ला, रेणुका चौधरी तथा मनोनीत सदस्य रेखा एवं सचिन तेंडुलकर शामिल हैं. अप्रैल में भाजपा के 17, कांग्रेस के 12, सपा के छह, बसपा, शिवसेना, माकपा के एक-एक, जदयू, तृणमूल कांग्रेस के 3-3, टीडीपी, एनसीपी, बीजेडी, के 2-2, निर्दलीय तथा मनोनीत तीन सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है. भाजपा इस बार उत्तर प्रदेश से अपनी सीटों की संख्या में वृद्धि करेगी, जबकि कांग्रेस को गुजरात और महाराष्ट्र से ही सीटें मिलेंगी.
गुजरात से रिटायर को रहे चार सांसदों में से दो सीटें कांग्रेस को मिलने की उम्मीद है, जबकि महाराष्ट्र से उसके रिटायर को रहे दो सदस्यों में से एक को ही वह वापस ला पायेगी. 27 जनवरी को उच्च सदन से कांग्रेस के जनार्दन द्विवेदी, परवेज हाशमी और डॉ. कर्ण सिंह सेवानिवृत्त हो रहे हैं. तीनों राज्यसभा में दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इनके स्थान पर अब आम आदमी पार्टी (आप) के तीन सदस्यों को आना है. इन तीन सदस्यों के जाने के बाद कांग्रेस के सदस्यों की संख्या घटकर 54 रह जायेगी.
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के हिशे लाचुंगपा 23 फरवरी को सेवानिवृत्त होंगे. अप्रैल में उच्च सदन में 55 सदस्यों का कार्यकाल पूरा होगा. जिनका कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें सपा के नरेश अग्रवाल, जया बच्चन, किरणमय नंदा, बसपा के मुनकाद अली, कांग्रेस के शादीलाल बत्रा, सत्यव्रत चतुर्वेदी, डॉ के चिरंजीवी, रेणुका चौधरी, रहमान खान, रजनी पाटील, राजीव शुक्ला, प्रमोद तिवारी, नरेंद्र बुढ़ानिया व अभिषेक मनु सिंघवी जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं.
इसी महीने जदयू के डॉ महेन्द्र प्रसाद, अनिल कुमार साहनी, वशिष्ठ नारायण सिंह, निर्दलीय चन्द्रशेखर एवं एवी स्वामी, एनसीपी की वंदना चव्हाण, डीपी त्रिपाठी, शिवसेना के अनिल देसाई, भाजपा के एल गणेशन, थावरचंद गहलोत, मेघराज जैन, अरुण जेटली, मनसुख लाल मंडाविया, जेपी नड्डा, भूषणलाल जांगड़, प्रकाश जावड़ेकर, विनय कटियार, बसवाराज पाटील, धर्मेंद्र प्रधान, रविशंकर प्रसाद, रंगासायी रामकृष्णन, पुरुषोत्तम रुपाला, अजय संचेती, शंकरभाई एन वेंगड, भूपेन्द्र यादव, तृणमूल कांग्रेस के कुणाल कुमार घोष, विवेक गुप्ता, नदीम उल हक, तेलुगु देशम पार्टी के देवेन्द्र टी गौड़, सीएम रमेश, माकपा के तपन कुमार सेन, बीजेडी के यू सिंह देव, दिलीप तिर्की तथा मनोनीत अनु आगा, रेखा और सचिन तेंडुलकर शामिल हैं.
मई, 2014 में केंद्र में आयी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का भले ही लोकसभा में स्पष्ट बहुमत हो, किन्तु राज्यसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के पास अभी तक न तो बहुमत था, न ही वह सबसे बड़ा दल थी. बहुमत के अभाव में सरकार को उच्च सदन में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाने में कठिनाई आती है.