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माओवादी नेता कोबाड़ गांधी को बेल

विशाखापटनम । संवाददाता: माओवादी नेता कोबाड़ गांधी को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. रिहाई के बाद गांधी के अपने घर मुंबई रवाना होने की खबर है. 66 साल के कोबाड़ गांधी को कई तरह की गंभीर बीमारी होने की खबर है.

छत्तीसगढ़ के बस्तर में सक्रिय रहे कोबाड़ को माओवादियों का थिंक टैंक माना जाता है. एकाध अवसर ऐसे भी आये हैं, जब माओवादियों ने कोबाड़ की रिहाई के लिये कुछ लोगों का अपहरण कर कोबाड़ की रिहाई की असफल कोशिश की थी.

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी के पोलित ब्यूरो के सदस्य और संगठन के विचारकों में से एक कोबड़ घंडी उर्फ कोबाड़ गांधी को सितंबर 2009 में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. गांधी के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में कई गंभीर आरोपों में मुकदमे दायर किये गये थे.

सात सालों तक तिहाड़ जेल और तीन महीने तक हैदराबाद के चेरलापल्ली सेंट्रल जेल में रहे गांधी को पिछले चार सालों से विशाखापटनम की जेल में रखा गया था. अधिकांश मामलों में सबूत के अभाव में कोबाड़ गांधी को दोषमुक्त करार दिया गया था.

देहरादून के दून कॉलेज से पढ़ाई करने वाले कोबाड़ गांधी ने विदेश में भी पढ़ाई की. एक सभ्रांत और अमीर पारसी परिवार में पले-बढ़े कोबाड़ ने 60 के दशक में नक्सल आंदोलन में भाग लिया और उसके बाद लंबे समय तक पीपुल्स वार ग्रूप के लिये महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में काम किया.

कोबाड़ गांधी की पत्नी अनुराधा उर्फ जानकी भी नक्सल संगठन में सक्रिय थी. अनुराधा सीपीआई माओवादी की सेंट्रल कमेटी की एकमात्र महिला सदस्य थी, जहां 2008 में गंभीर रुप से बीमार होने के बाद अनुराधा की मौत हो गई थी.

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