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छत्तीसगढ़ में गायों की मौत का सिलसिला जारी

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ की गौशालाओं में गायों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. भाजपा नेता हरीश वर्मा की गौशालाओं से भेजी गई कम से कम 30 गायों की मौत हो चुकी है. माना जा रहा है कि इन मृत गायों की संख्या और बढ़ सकती है.

बेमेतरा ज़िले के रानो व गोड़मर्रा और दुर्ग ज़िले के राजपुर में भाजपा नेता की गौशाला में 300 से अधिक गायों की मौत के बाद सरकार ने सभी गायों को दूसरी गौशालाओं में भेजने का निर्णय लिया था. लेकिन इन गौशालाओं में महीनों से भूखी और बीमार गायों की हालत परिवहन के चक्कर में और खराब हो गई. कम से कम छह गौशालाओं में 30 गायों की मौत हो गई.

इस बीच राजपुर और गोड़मर्रा की गौशालाओं में भी अत्यंत गंभीर पांच गायों की भी मौत की खबर है. रविवार को थोड़ी भी स्वस्थ गायों को राजपुर की गौशाला से दूसरी गौशालाओं में भेज दिया गया. लेकिन गंभीर रुप से बीमार 27 गायों और बछड़ों को वहीं रख कर इलाज की कोशिश की जा रही थी. अब खबर है कि पिछले 24 घंटों में राजपुर की गौशाला में 6 गायों की मौत हो गई है.

इसी तरह गोड़मर्रा की गौशाला से भगा दी गईं कई गायों की मौत की खबर है. इन गायों को पशुपालन विभाग के अफसरों ने चारा खिलाने के नाम बाहर किया लेकिन इन्हें दूसरी गौशालाओं में भेजने के बजाये इन्हें खुला छोड़ दिया गया. आरोप है कि गायों की संख्या कम दिखाने के चक्कर में इन गायों को छोड़ा गया और इनमें से कई गायों की मौत गांव के आसपास के इलाकों में हो चुकी है.

सरकारी अफसरों का कहना है कि भाजपा नेता ने जिस तरह से 200 की जगह 800-800 गौवंश को ठूंस दिया था और उन्हें चारा भी नहीं दिया गया था, ऐसे में गायों की मौत तो होनी ही थी. रही सही कसर इन गाय-बैलों को पकड़ने और फिर उन्हें ट्रक में लादकर दूसरी गौ शालाओं तक ले जाने ने पूरी कर दी. गायें पहले से कहीं अधिक गंभीर हो गई है और इनमें सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है.

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