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सोनी सोरी को मुख्यमंत्री ने दिया राष्ट्रीय आदिवासी सम्मान

रायपुर | संवाददाता:आदिवासी नेता सोनी सोरी को विशाखापट्टनम में केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन के हाथों राष्ट्रीय आदिवासी सम्मान से नवाजा गया. आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच के इस आयोजन में सीपीएम की नेता वृंदा करात भी उपस्थित थीं.

सोनी सोरी को यह राष्ट्रीय सम्मान आदिवासियों के पक्ष में लगातार उनकी लड़ाई को देखते हुये दिया गया. उनके सम्मान को लेकर छत्तीसगढ़ में लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की है. वहीं कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर भी अपनी टिप्पणी साझा की है. आम आदमी पार्टी के नेता डॉ संकेत ठाकुर ने लिखा-कैसी विडम्बना है तेलंगाना राज्य के मुख्यमंत्री ने सीपीएम नेत्री वृंदा कारत की उपस्थिति में सोनी सोरी जी का सम्मान किया और दूसरी ओर गृहराज्य छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री तो क्या आईजी से लेकर अदना सा थानेदार सोनी जी को अपमानित कर स्वयं को सम्मानित और पुरस्कृत महसूस करता है !

बस्तर के एक प्राइमरी स्कूल में अध्यापिका, सोनी सोरी को पांच अक्तूबर 2011 को क्राइम ब्रांच और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त अभियान में दिल्ली से गिरफ़्तार किया गया था. उन पर माओवादियों के साथ संबंध होने के आरोप हैं.

सोनी का मामला तब चर्चा में आया, जब अक्तूबर 2011 में कोलकाता के एक अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने सर्वोच्च अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें सोरी के शरीर में कुछ बाहरी चीजें पाई गईं. लेकिन यह टीम यह नहीं तय कर पाई कि ये चीजें कैसे उनके जननांगों में डाली गईं.

सोनी के खिलाफ राज्य सरकार ने नक्सल गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ आठ अलग-अलग मुकदमे दर्ज किये गये थे. लेकिन अधिकांश मामले अदालतों में झूठे साबित हुये.

इसके बाद सोनी सोरी आम आदमी पार्टी में शामिल हुईं और उन्होंने बस्तर में महिलाओं और आदिवासियों पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ लगातार आंदोलन किया, आदिवासियों की आवाज़ बुलंद की. इसके कारण बस्तर की पुलिस का विरोध भी उन्हें झेलना पड़ा. सोनी सोरी पर एसिड अटैक भी हुआ लेकिन सोनी सोरी का हौसला बुलंद है और वे बस्तर में आदिवासियों की आवाज़ बन कर उभरी हैं.

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