मिस्र संकट के समाधान के लिए कोशिशें शुरू
काहिरा | एजेंसी: मिस्र में जारी राजनीतिक संकट के समाधान के लिए नई कोशिशें शुरू हो गई हैं. खाड़ी देशों, यूरोपीय संघ के देशों तथा अमेरिका के राजनयिकों ने इसके लिए प्रयास तेज कर दिए हैं.
हालांकि मिस्र एक तेल उत्पादक देश नहीं है लेकिन तेल परिवाहन के लिए महत्वपूर्ण स्वेज़ नहर उसी की सीमा के अंदर से होकर गुजरती है और राजनीतिक अस्थितरता से इसके द्वारा होने वाले कारोबार पर असर पड़ सकता है.
यदि मानव निर्मित स्वेज नहर न होती तो सऊदी अरब से ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, कनाडा तथा अमेरिका तेल ले जाने के लिये सूडान, इथोपिया, सोमालिया, केन्या, तंजानिया तथा दक्षिणी अफ्रीका घूम कर जाना होता, जिससे तेल की ढ़ुलाई का खर्च बढ़ जाता. वैसे अंतर्राष्ट्रीय संधि के मुताबिक स्वेज नहर से आवागमन को शांति के आलावा युध्दकाल में भी रोका नही जा सकता है
इसी स्वेज नहर के कारण मिश्र का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत महत्व है और यही वजह है कि दुनिया भर के तेल के प्यासे देशों की नज़र मिस्त्र में चल रहे राजनीतिक संकट पर है और वे दम साधे देख रहे हैं कि आगे हालात क्या होते हैं.
इन राजनयिकों ने जेल में बंद मुस्लिम ब्रदरहुड के उपनेता खरात अल-शातेर से मुलाकात की, हालांकि शातेर ने उनसे किसी भी तरह का समझौता वार्ता करने से इंकार कर दिया और कहा कि इसके लिए उन्हें अपदस्थ राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी से मुलाकात करने चाहिए.
‘अलजजीरा’ के अनुसार, शातेर की मुलाकात कतर तथा संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विदेश मंत्रियों, अमेरिका के उप विदेश मंत्री विलियम बर्न्स तथा मध्य-पूर्व में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों से हुई. मुलाकात करीब एक घंटे तक चली. बताया जाता है कि शातेर ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से कहा कि उन्हें उनके साथ बात करके समय नहीं गंवाना चाहिए, बल्कि मुर्सी से बात करनी चाहिए.
शातेर की गिनती मुस्लिम ब्रदरहुड के प्रभावी नेताओं में होती है. उन पर मुर्सी के खिलाफ 30 जून को काहिरा में हो रहे प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप है और इसी सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है. उनके खिलाफ 25 अगस्त को सुनवाई होने वाली है.
उनके साथ-साथ मुस्लिम ब्रदरहुड के पांच अन्य सदस्यों के खिलाफ भी हिंसा भड़काने तथा हत्या के मामले में उसी दिन सुनवाई होगी, जिसकी घोषणा रविवार को काहिरा की अपील अदालत ने की है.
शातेर से विभिन्न देशों के राजनयिकों की मुलाकात को मिस्र संकट के हल के लिए उनकी मध्यस्थता के रूप में देखा जा रहा है. सेना समर्थित अंतरिम सरकार ने भी मध्यस्थता को मौका देने की बात कही है.
इसी सिलसिले में अमेरिकी सीनेट के सदस्य -जॉन मैक्कन तथा लिंडसे ग्राहम- भी सोमवार को काहिरा पहुंचने वाले हैं. बर्न्स पहले से ही काहिरा में हैं और यहां के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं. उन्होंने यहां रुकने का अपना कार्यक्रम एक दिन बढ़ा लिया है. उन्होंने देश के अंतरिम राष्ट्रपति अदली मंसूर से भी रविवार को बात की.