रायपुर

रायपुर: झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही

रायपुर | संवाददाता: रायपुर में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्यवाही दूसरे दिन भी जारी रही. शनिवार को स्वास्थ्य विभाग तथा प्रशासन की टीम ने 125 इस तरह के क्लीनिक पर ताला जड़ दिया. इससे एक दिन पहले शुक्रवार को भी इस तरह के 356 क्लीनिक सील किये गये थे. इसके विरोध में करीब 500 झोलाछाप डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया.

शनिवार सुबह झोलाछाप डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल मंत्री राजेश मूणत से भी मिलने पहुंचा. मंत्री राजेश मूणत ने उन्हें साफ कह दिया कि यदि उनकी क्लीनिक नियमों के विरुद्ध संचालित की जा रही है तो वे भी कोई मदद नहीं कर पायेंगे. इसके बाद इन झोलाछाप डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर से मिलने जाने लगे तो पुलिस उन्हें रोककर सिविल लाइन थाने ले गई तथा उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया.

गौरतलब है कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया तथा स्वास्थ्य विभाग से मिले नोटिफिकेशन के आधार पर यह कार्यवाही की जा रही है.

छत्तीसगढ़ के गांवों एवं शहरों में ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है. गांवों में इनमें से कई रसूखदार के तौर पर माने जाते हैं. जबकि इनके पास किसी भी तरह का चिकित्सीय डिग्री या डिप्लोमा नहीं होता है.

माना जाता है कि भारत में एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता इन्हीं झोलाछाप डॉक्टरों के कारण उत्पन्न हुई है. ये लोग चिकित्सीय जानकारी के अभाव में एँटीबायोटिक दवाओँ को साधारण से पेट खराब की समस्या में भी मरीजों को दे देते हैं. वह भी एंटीबायोटिक का पूरा डोज नहीं दिया जाता है. जिस कारण से बैक्टीरिया में उन एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोध की क्षमता उत्पन्न हो जाती है.

गांव व शहरों के लोग इन अधकचरी जानकारी की अनदेखी करके इनके पास सस्ते इलाज की आशा से जाते हैं जिससे उन्हें अन्य तरह की शारीरिक क्षति पहुंचती है जिसे वे समझ नहीं पाते हैं.

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