छत्तीसगढ़: केमिकल से फल पकाये जा रहे
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर फलों को हानिकारक रसायनों से पकाया जा रहा है. इसकी सूचना पर बुधवार को राजधानी रायपुर में नगर निगम, राजस्व विभाग तथा खाद्य एवं औषधि विभाग ने संयुक्त छापेमारी की. छापे के दौरान सरकारी अधिकारी जब विभिन्न फलों के बाजार पहुंचे तो पाया कि धड़ल्ले से हानिकारक रसायनों का उपयोग कच्चे फलों को पकाने के लिये किया जा रहा है. इन रसायनों से लीवर तथा किडनी में गड़बड़ी होती है तथा कैंसर का खतरा हो सकता है. इसके बावजूद फल दुकानदार मुनाफा कमाने के लिये इन हानिकारक रसायनों का उपयोग कर रहें हैं.
मुनाफे के लिये लोगों की सेहत से खिलवाड़ किये जाने की शिकायत पर जिला कलेक्टर ओपी चौधरी के निर्देश पर डिप्टी कलेक्टर आरबी देवांगन एवं हरवंश मिरी के नेतृत्व में टीम ने रायपुर के लालपुर स्थित थोक फल बाजार में छापेमारी की.
आशीष फ्रूट भंडार में पाया गया कि वहां टैगपोन-36 नामक रसायन को पानी में मिलाकर उससे केला को पकाया जा रहा है. संयुक्त टीम ने वहां से 23 क्विंटल कच्चे केले को जब्त किया है.
इसी तरह वेंकटलक्ष्मी फ्रूट से ईथीलीन गैस सिलेंडर जब्त किया गया. इस सिलेंडर से मिथनीक गैस का चेंबर बना 8 टन केला पकाया जाता था. प्रशासन ने इसे जब्त कर लिया है.
जवाहर बाजार के आरकेजी फ्रूट से 25 क्विंटल पपीता तथा चौबे महाराज फ्रूट सप्लायर के यहां से 30 क्विंटल पपीता तथा 80 किलो आम जब्त किया गया है.
इऩ दुकानो में कार्बाइड रसायन का उपयोग करके फलों को पकाकर रायपुर के फल दुकानों में सप्लाई किया जाता था. टीम ने सैंपल जब्तकर लैब भेजा है. जहां से रिपोर्ट आने पर आगे की कार्यवाही की जायेगी.
शरीर को पहुंचाते हैं हानि-
कैल्शियम कार्बाइट: डब्ल्यूएचओ ने इससे फलों को पकाना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है. यह एक तरह का यौगिक है, जो फलों में लगे रहने के बाद शरीर में जाने से बीमारियां पैदा करता है. खासकर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
टैगपोन-39 :यह आक्सीडाइड एजेंट है. इस केमिकल के शरीर में जाने से खासकर अधिक मात्रा में पहुंचने से पेट, लीवर, प्लाज्मा से संबंधित बीमारियां होती हैं.
इथलीन गैस : इस गैस का उपयोग फलों को पकाने में किया जा रहा है. ज्यादा मात्रा से शरीर के लिए हानिकारक है. स्किन, लीवर और किडनी से संबंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है.