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छत्तीसगढ़: गूगल बैलून से इंटरनेट

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के रायपुर में गूगल बैलून से इंटरनेट मुहैया कराई जायेगी. रायपुर के रेलवे स्टेशन को केन्द्र मानकर गूगल बलून के माध्यम से हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराई जायेगी. देश के गिने-चुने 19 रेलवे स्टेशनों में उसकी शुरुआत की जा रही है. इस योजना के लागू हो जाने के बाद रायपुर रेलवे स्टेशन से ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को 50 किलोमीटर के दायरे में बिना रुके हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा मिलती रहेगी.

मिली जानकारी के अनुसार इसके लिये भारतीय रेलवे और गूगल के बीच अनुबंध भी हो चुका है. वर्तमान में रायपुर सहित देशभर के ए-1 श्रेणी के स्टेशनों में फ्री वाई-फाई सुविधा दी जा रही है. भारतीय रेलवे सूत्रों ने बताया कि पहले चरण में 19 स्टेशन हैं, जिनके लिये इसी रेल बजट में यह सुविधा सैंक्शन हो जायेगी. इसे बढ़ाकर 100 स्टेशनों तक करने का लक्ष्य है.

गूगल ने इस प्रोजेक्ट को गूगल लून का नाम दिया है. विश्व की दो-तिहाई आबादी अब भी इंटरनेट सेवा से महरूम है. ऐसे में दूर-दराज के इलाके, जहां इंटरनेट सेवा बहाल करना कड़ी चुनौती है. प्रोजेक्ट लून का उद्देश्य इन्हीं इलाकों में आसमान में तैर रहे गुब्बारों की मदद से इंटरनेट सेवा मुहैया कराना है.

प्रोजेक्ट लून के तहत बैलून को हवा में लटकाया जाता है. बैलून पॉलीथिन प्लास्टिक शीट्स से बना होता है इसकी चौड़ाई 15 मीटर होती है जबकि लंबाई 12 मीटर निर्धारित की गई है. प्रोजेक्ट लून में उपयोग किये गए बलून का निर्माण बेहद ही खास किस्म में मैटेलियल से किया जाता है जिससे कि वे हवा के दबाव को झेल सके और रास्ते में आने वाले किसी भी बाध्यता को भी सह सके.

इस बैलून में एक बासकेट होता है जिसमें इंटरनेट ट्रांसमीटर के अलावा सोलर प्लेट और बैटरी होती है जो इसे बिजली प्रदान करती है. दिन में सोलर चार्जर से सिस्टम को बिजली मिलती है जबकि रात में बैटरी द्वारा ट्रांसमीटर को बिजली दी जाती है. इसके अलावा इंटरनेट रेडियो एंटीना होता है जो कम्युनिकेशन करता है.

इस सेव के तहत हवा में एक साथ ढेर सारे बैलून तैरते हैं. बैलून में लगा एंटीना न सिर्फ धरती से सिग्नल प्राप्त करता है बल्कि एक दूसरे बैलून को भी सिग्नल भेजता है. इसके साथ ही इंटरनेट सिग्नल भी ट्रांसमीट करता रहता है.

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