टाटा की विदाई पर सभा, जमीन मांगी
जगदलपुर | संवाददाता: बस्तर के लोहण्डीगुड़ा से टाटा की विदाई पर एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया. इस सभा का आयोजन आदिवासी महासभा के बैनर तले किया गया. जिसका नेतृत्व मनीष कुंजाम ने किया. टाटा के बस्तर से विदाई के बाद रखी गई इस सभा में उन 10 गांवों के आदिवासी अपने देवी-देवता के साथ आये थे जहां की जमीनें अधिग्रहित की गई थी. दरअसल, टाटा की विदाई तथा आदिवासियों की जीत पर जश्न मनाने इस सभा का आयोजन किया गया था.
कांकेर के पूर्व सांसद सोहन पोटाई ने इस अवसर पर कहा कि जल-जमीन-जंगल की रक्षा के लिये पेसा कानून बना है. जिसके अनुसार आदिवासियों की जमीन कोई नहीं ले सकता है.
उन्होंने नक्सल समस्या को एक वर्ष में खत्म कर देने के बस्तर के आईजीपी कल्लूरी के बयान पर कहा कि तालाब से मछली पकड़ने के लिये तालाब सुखाने जैसी बात है.
वहीं, सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अमर जीत कौर ने कहा कि टाटा प्रभावित किसानों को उऩकी जमीने वापस करनी होगी. इसके लिय सभी किसानों की सूची बनाई जायेगी तथा हमारे संगठन द्वारा टाटा द्वारा अधिग्रहित भूमि वापस लेने के लिये रणनीति तैयार की जायेगी.
सरपंच हिड़मोराम मंडावी ने कहा देश को आजादी मेरे जन्म के पूर्व में ही मिल गई किंतु मैंने टाटा की गुलामी के खिलाफ लड़ाई लड़ी. उन्होंने याद दिलाया कि मनीष कुंजाम को 15 दिनों के लिये जेल में डाल दिया गया था. उनके साथ सैकड़ों लोगों को जेल में डाला गया था.
सभा में टाटा की विदाई को आदिवासियों के अस्तत्वि की रक्षा की शानदार जीत करार दिया गया.