छत्तीसगढ़ को मानवाधिकार आयोग का नोटिस
नई दिल्ली | संवाददाता: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने छत्तीसगढ़ शासन को नोटिस जारी किया है. मानवाधिकार आयोग ने छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को जारी पत्र में पूछा है कि क्यों न पुलिस द्वारा प्रथम दृष्टया बलात्कार, यौन एवं शारीरिक उत्पीड़न की शिकार 16 महिलाओं को 37 लाख रुपये का अंतरिम राहत देने की सिफारिश जारी कर दिया जाये.
जिसमें से बलात्कार की शिकार 8 महिलाओं को 3-3 लाख रुपये, यौन प्रताड़ना की शिकार 6 महिलाओं को 2-2 लाख तथा शारीरिक प्रताड़ना की शिकार 2 महिलाओं को 50-50 हजार रुपया शामिल है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पाया है कि प्रथम दृष्टया इन महिलाओं के मानवाधिकार का सुरक्षा बलों द्वारा उल्लंघन किया गया है जिसके लिये राज्य सरकार परोक्ष रूप से जिम्मेदार है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कहना है कि तीन एफआईआर, एफआईआर नं. 22/2015, 2/2016, 3/2016 में कुल 34 पीड़ितों का उल्लेख है जिसमें से 20 का बयान अभी तक आयोग को नहीं मिला है.
आयोग ने यह भी पाया है कि इन तीनों एफआईआर में जिन महिलाओं का नाम है उनमें से करीब-करीब सभी आदिवासी हैं. इसके बावजूद अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज नहीं किया गया है. इस कारण से उन्हें इस अधिनियम के तहत आर्थिक राहत नहीं मिल सकी है.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपने पत्र में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उपरोक्त दिशा-निर्देश अंतरिम प्रकृति के हैं तथा अंतिम राय बाद में दिये जायेंगे.