बस्तर: 7 गिरफ्तारों की जमानत खारिज
जगदलपुर | समाचार डेस्क: हैदराबाद तथा खम्मम के गिरफ्तार 7 प्रोफेसरों, वकील एवं पत्रकारों की जमानत खारिज कर दी गई है. मंगलवार को दंतेवाड़ा सत्र न्यायालय ने छत्तीसगढ़ जनसुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार लोगों की जमानत खारिज कर दी है. पुलिस का दावा है कि ये ‘सफेदपोश नक्सली’ हैं जबकि गिरफ्तार होते समय उन लोगों ने दावा किया था कि वे एक फैक्ट फाइंडिग टीम के सदस्य हैं जो बस्तर के फर्जी मुठभेड़ की जांच करने आये हैं.
मंगलवार को न्यायाधीश मनोज ठाकुर ने जमानत आवेदन पर शासन तथा बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को सुनने के बाद बड़ी संख्या में माओवादी साहित्य तथा पुराने नोट जब्त होने को आधार मानकर जमानत याचिका खारिज कर दी है.
इस मामले में तेलंगाना हाईकोर्ट के वकील ने बचाव पक्ष की ओर से पेश होकर कहा कि पुलिस 25 दिसंबर को 1 लाख रुपये के करीब रकम पकड़ने का दावा कर रही है. जबकि 30 दिसंबर तक यह पैसा वैध था एवं 1 लाख रुपये इतनी बड़ी रकम भी नहीं है कि इसे कहीं नहीं ले जाया जा सकता है. इलके अलावा छत्तीसगढ़ जनसुरक्षा अधिनियम के तहत कार्यवाही के पहले पुलिस अधीक्षक की अनुमति आवश्यक है जिसका पालन नहीं किया गया.
बचाव पक्ष के वकील ने कहा पुलिस जिस सामग्री को जब्त बता रही है वो सभी दुकानों पर मिल जाती हैं.
गौरतलब है कि 26 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के बस्तर के सुकमा पुलिस ने हैदराबाद के 6 लोगों तथा खम्मम के 1 व्यक्ति को छत्तीसगढ़ जन सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया था. सुकमा पुलिस ने इन्हें 26 दिसंबर को ही अदालत में पेश किया जहां से इन्हें छत्तीसगढ़ जन सुरक्षा अधिनियम 2005 की धारा 8 के (1) (2) (3) (5) के तहत जेल भेज दिया गया था.
पुलिस द्वारा इन पर 25 दिसंबर को छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र में नक्सली प्रचार-प्रसार, नक्सलियों के लिये सुविधा उपलब्ध कराने तथा पुलिस एवं प्रशासन के प्रति विरोध करने प्रेरित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
इनमें हैदराबाद के रहने वाले सीएच प्रभाकर, बी दुर्गा प्रसाद, के राजेन्द्र प्रसाद, डी प्रभाकर, बी रविन्द्रनाथ, मो. नजीर तथा खम्मम के आर लक्ष्मैया शामिल हैं.
वहीं, बस्तर के आईजीपी एसआरपी कल्लूरी ने कहा कि सातों के खिलाफ प्रथम दृष्टया जनसुरक्षा अधिनिम के तहत कार्यवाही हुई है. नक्सलियों को नोट बदलने में मदद करने वालों के विरुद्ध और भी गंभीर कार्यवाही होगी और पूरा प्रयास होगा कि उन्हें सजा दिलाई जाये.