छत्तीसगढ़

नोटबंदी की बलिवेदी पर एक और मौत

रायपुर | संवाददाता: नोटबंदी से छत्तीसगढ़ में एक किसान की मौत हो गई है. घटना छत्तीसगढ़ के चरामा के सिरसिदा गांव की है . जहां मंगलवार को 41 वर्षीय किसान जयपाल सिंह की पत्नी के ईलाज के लिये पैसे न मिल पाने के कारण हृदयाघात से मौत हो गई है. इससे पहले छत्तीसगढ़ के सुकमा में नोटबंदी के कारण एक की मौत हो चुकी है.

मिली जानकारी के अनुसार सिरसिदा गांव के इस किसान की पत्नी धमतरी के अस्पताल में गर्भाशय के ऑपरेशन के लिये भर्ती है. उनके परिवार के स्मार्ट कार्ड की मियाद खत्म हो गई है. इस कारण से पैसों के जुगाड़ के लिये वह गांव गया हुआ था.

जयपाल सिंह अपनी पत्नी का ऑपरेशन करवाने के लिये पुश्तैनी जमीन तक बेचने के लिये तैयार था परन्तु नोटबंदी के कारण छाये मंदी की वजह से उसे सही दाम नहीं मिल पाया.

दूसरी तरफ, फसल बेचने के बाद भी उसे इतने पैसे नहीं मिले थे कि उससे पत्नी का ऑपरेशन कराया जा सके.

पैसों की तंगी, पत्नी की चिंता तथा भाग-दौड़ के कारण वह जबर्दस्त तनाव में था. इस बीच मंगलवार को उसकी हृदयाघात से मौत हो गई है. उसके दो बच्चें हैं. एक चार साल का तथा दूसरा आठ साल का.

मृतक जयपाल सिंह की मां दशरीबाई के सामने समस्या है कि वह किस तरह से बहू के ईलाज के लिये पैसे जुगाड़े. उन्होंने चरामा के तहसीलदार को बहू के ईलाज के लिये ज्ञापन दिया है.

गौरतलब है कि इससे पहले इसी माह में सुकमा के तोंगपाल में रोजगार न मिलने के कारण एक राजमिस्त्री समधर ने जहर खाकर अपनी जान दे दी थी. उसके साथ उसकी पत्नी ने भी जहर खा लिया था परन्तु उसे बचा लिया गया.

उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के कारण से आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना मे 4 से 5 लोगों की मौत हो चुकी है. बिहार में 4, छत्तीसगढ़ मे 1, दिल्ली में 4, गुजरात में 4, हरियाणा में 3, जम्मू-कश्मीर में 2, झारखण्ड में 2, कर्नाटक में 3, केरला में 2, मध्यप्रदेश में 2, महाराष्ट्र में 6, ओड़िशा में 1, पंजाब में 3, राजस्थान में 3, पश्चिम बंगाल में 2 और उत्तर प्रदेश में 22 लोगों की जान जा चुकी हैं.

नोटबंदी और मंदी से संबंधित खबरें-

संघ ने माना नोटबंदी से उद्योग बंदी

नोटबंदी की मार, धान के दाम गिरे

ग्रामीण बाजारों में मंदी छाई

छत्तीसगढ: नोटबंदी से बेरोजगारी बढ़ी

छत्तीसगढ़ में बिजनेस आधा हो गया

नोटबंदी की चपेट में अनाज कारोबार

error: Content is protected !!