सनी को सुधरने का मौका दें
मुंबई | मोनरंजन डेस्क: सनी लियोन का मानना है कि पोर्न फिल्मों में महिलाओं के साथ भेदभाव नहीं किया जाता है. सनी का अनुभव है कि बॉलीवुड की फिल्मों में महिलाओं के साथ भेदभाव किया जाता है. सनी का कहना है कि यहां पर ‘समझौते’ भी करने पड़ते हैं हालांकि, उसने बॉलीवुड में आकर कोई ‘समझौता’ नहीं किया है.
सनी बताती है कि जब 19 साल की उम्र में उसने पोर्न फिल्मों में काम करना शुरु किया तो लोग उसे ताने देते थे. गंदे-गंदे नामों से पुकारते थे.
बीबीसी से बात करते हुए वो कहती हैं, “मैं जानती हूं की फ़िल्मों में मुझे एक ख़ास तरह के रोल के लिये लिया जाता है और मैं अपना काम बखूबी करने की कोशिश करती हूं. इस काम से ज़्यादा न मैं किसी से संबंध रखती हूं न ही किसी और को रखना चाहिये.”
सनी अपने पोर्न स्टार रहने के दौरान का अनुभव साझा करते हुये कहती है, “लेकिन कभी भी किसी ने मुझे समझने की कोशिश नहीं की. एक 19 साल की लड़की को ऐसी नकारात्मक बातें बोली गई कि कुछ दिनों बाद ही मैंने अपने जानने वालों से कन्नी काट ली. लेकिन बिग बॉस में आने का फ़ैसला मैंने इसलिये लिया क्योंकि मैं चाहती थी की लोग मुझे जान लें, वो मेरा काम है, लेकिन एक शख़्स के तौर पर मैं अलग हूं. मुझे पुकारे जाने वाले नामों से कुछ ज़्यादा हूं.”
हालांकि, सनी लियोनी को लेकर बॉलीवुड में कई निर्माता और जाने-माने अभिनेताओं को संशय रहा है और कई बार यह ख़बरें आई हैं कि निर्माताओं ने ‘हीरो’ के कह देने पर उन्हें फ़िल्म में नहीं लिया.
इस पर सनी बड़े साफगोई से कहती हैं, “हां, मैंने भी सुना, लेकिन यह सिर्फ़ उनके हाथ में नहीं है. एक औरत के हाथ में होता है कि वो कितना सुनेगी या सहेगी. आप मुझे काम करने के लिए पैसे दे रहे हैं, बदले में मैं काम कर रही हूं लेकिन अगर आप मुझसे ठीक बर्ताव नहीं करेंगे या मुझे ‘अलग’ समझेंगे तो मैं भी आपके साथ काम नहीं करने के लिये स्वतंत्र हूं.”
बॉलीवुड में महिलाओं को ऑब्जेक्टिफ़ाई करने या उपभोग की वस्तु की तरह से दिखाये जाने को लेकर सनी की मान्यतायें अलग हैं.
वे कहती हैं, “हम यहां पुरुषों का भी तो उपभोग ही करते हैं, क्या आप ऋत्तिक रोशन को शर्ट उतारते नहीं देखते? हम (अभिनेता) ब्रान्ड हैं और हमारे दिखने के तरीके ही हमारे ब्रान्ड की पहचान हैं. अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो हमें देखेगा कौन? यह फ़िल्ड की ज़रूरत है और यह ऑब्जेक्टिफ़िकेशन नहीं आपके-हमारे भाव से जुड़ा है.”
जाहिर है कि पश्चिमी पोर्न फिल्मों से संस्कारी भारत के फिल्म उद्योग में सनी लियोन को संशय की दृष्टि से देखा जाता है. सनी यहां आकर अभिनय सीखने की, हिन्दी सीखने की भी कोशिश कर रहीं हैं. सनी तथा उसके पति को बॉलीवुड भा गया है. वैसे भी भारतीयों की परंपरा मेहमानों का तिरस्कार करने की इजाजत नहीं देता है.
यह सत्य है कि सेक्स की खोज में रहने वाली नजरों का सामना सनी को बॉलीवुड में भी करना पड़ रहा है परन्तु जिस तरह से उसे विदेशों में तिरस्कार की नजरों से देखा जाता था उसका अनुभव यहां पर नहीं हो रहा है. बॉलीवुड कास्टिंग काउच के लिये बदनाम रहा है. नई आने वाली अभिनेत्रियों का शारीरिक शोषण किये जाने के आरोप लगातार लगते रहें हैं. लेकिन ‘गंदी’ फिल्मों से आने वाली सनी लियोन किसी भी हालत में रोल पाने के लिये अपने शरीर का सौदा करने के लिये तैयार नहीं है.
इस मामले में सनी लियोन बीबीसी से कहती हैं कि, “अगर कोई आपसे सही बर्ताव नहीं कर रहा है तो आप उनके पैसे वापस करें और वो काम छोड़कर निकल जाइये, ज़्यादा से ज़्यादा क्या होगा? वो आपको बदल देंगे! अपने सम्मान के साथ समझौता करके काम न करें.”
एक पूर्व पोर्न स्टार द्वारा बॉलीवुड में रोल पाने के लिये किया जा रहा संघर्ष जिसमें ‘समझौते’ की कोई गुंजाइस नहीं है वाकई में काबिले तारीफ है. सनी अपने अंधकारमय अतीत से निकलकर उज्जव भविष्य में आना चाहती है जिसका हर भारतीय को सम्मान करना चाहिये.