पापियों की सजा करोड़ों भुगत रहे- मोदी
नई दिल्ली | बीबीसी: जापान दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोबे में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया, तो वहां भी नोटबंदी का मामला छाया रहा.
इस अवसर पर उन्होंने देश के 125 करोड़ लोगों की प्रतिबद्धता को नमन् किया.
मोदी ने कहा कि अगर सामान्य आदमी को भी ज़िम्मेदारी उठाने की बात आती है तो वो पीछे नहीं हटता. उन्होंने कहा, “मेरे हाल के अनुभव ने यह साबित किया. आपको भी पता है…मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों को नमन् करता हूं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “घर में शादी हैं, पैसा नहीं है. मां बीमार हैं, 1000 के नोट हैं, मुश्किल है. तकलीफ़ है. लोग मुंह में उंगली डाल-डालकर कोशिश कर रहे हैं कि मोदी के ख़िलाफ़ कुछ बोलो. लेकिन मैं सलाम करता हूं जनता को.”
उन्होंने कहा, “कोई चार घंटे लाइन में खड़ा रहा, कोई छह घंटे. लेकिन इस फ़ैसले को स्वीकार किया. ये अपने आप में देश के उज्ज्वल भविष्य की निशानी है.”
मोदी ने कहा, “ये ठीक है कि पाप करने वालों की संख्या ज़्यादा नहीं है. लाख दो लाख, पांच लाख होगी. लेकिन मुसीबत करोड़ों देशवासियों को हो रही है. इसके बावजूद वो झेलने को तैयार हैं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “पहले गंगाजी में कोई चवन्नी नहीं डालता था, अब नोट बह रहे हैं. लेकिन आप मुझे बताइए कि चोरी का पैसा बाहर निकालना चाहिए या नहीं.”
मोदी ने कहा, “हमने कह दिया कि अगर कोई गृहिणी ढाई लाख रुपया बैंक में जमा कर देगी तो सरकार उससे नहीं पूछेगी कि ये कहां से आए थे.”
उन्होंने कहा, “इस फ़ैसले का परिणाम क्या हुआ, जानते हैं? जो बेटे और कुछ बहुएं भी, जो वृद्धाश्रम में मां को रखकर आए थे, उन्होंने मां के खाते में ढाई-ढाई लाख रुपया जमा करा दिया. वो मां मुझे आशीर्वाद देगी कि नहीं देगी. ऐसा आशीर्वाद मिले, तो फिर योजना के कामयाब होने में कोई आशंका बचती है क्या?”
मोदी ने कहा, “ये स्वच्छता का बहुत बड़ा अभियान है. ये किसी को परेशान करने के लिए नहीं है. तकलीफ़ हुई है और मुझे इस बात का अंदाज़ा भी था. जब ये ऐलान किया था, उस दिन भी कहा था.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “इतना बड़ा देश है. 50 दिन दिए हैं. जल्दबाज़ी करने की कोई ज़रूरत नहीं है. अपनी ईमानदारी के पैसे जाकर जमा कराएं. ख़ाते में पैसे आ जाएंगे.”
हालांकि, वो बिना हिसाब का पैसा रखने वालों पर ख़ूब बरसे भी. उन्होंने कहा, “लेकिन मैं इस बात को स्पष्ट मानता हूं कि अगर बिना हिसाब का पैसा हाथ आया, तो मैं उसका देश की आज़ादी से लेकर अब तक का हिसाब चेक करने वाला हूं.”
मोदी ने कहा, “जितने नए लोगों को लाना पड़ेगा, लाकर इस काम में लगाऊंगा. ईमानदारी का पैसा है, तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी. लेकिन ईमानदारी का पैसा नहीं है, तो बच नहीं पाएगा.”
उन्होंने कहा, “जो लोग मुझे जानते हैं, उनमें कुछ समझदार भी हैं. उन्हें लग रहा है कि बैंक के बजाय गंगाजी में पैसा डालना ज़्यादा सही है. पैसे मिले ना मिले, पुण्य तो मिल जाएगा.”
वो बोले, “इसलिए देश को मैं फिर एक बार कहना चाहता हूं कि ईमानदार लोगों की रक्षा करने के लिए मेरी सरकार सब कुछ करेगी. और बेइमानों का हिसाब चुकता होकर रहेगा.”