कल्लूरी के बयान पर भड़के भूपेश
रायपुर | संवाददाता: बस्तर आईजीपी कल्लूरी के बयान पर कांग्रेस भड़क गई है. रविवार को बस्तर के आईजीपी एसआरपी कल्लूरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर नेता यह लिखकर दें कि बस्तर में नक्सलवाद खत्म हो जायेगा तो वे 23 घंटे में बस्तर छोड़कर चले जायेंगे. फिर दोबारा लौटकर कभी नहीं आयेंगे.
बस्तर के आईजीपी कल्लूरी ने कहा कि जो नेता नक्सलियों के सर्मथन में बयानबाजी कर रहे हैं वे उन्हें याद रखना चाहिये कि झीरम में उनके नेताओं को नक्सलियों ने मार डाला था. आईजीपी कल्लूरी ने आरोप लगाया कि कुछ एनजीओ और राजनेता भ्रम फैलाकर लाभ उठाना चाहते हैं.
आईजी ने कहा कि घटना के दौरान मै एसएसपी थी और मेरे मार्गदर्शन में पार्टी रवाना हुई थी और इसका जिम्मेदार मैं हूं.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में जब मै दंतेवाड़ा एसएसपी के पद पर पदस्थ था तब राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के आदेश पर ताड़मेटला, तिम्मापुरम, व मोरपल्ली में आपरेशन करना पड़ा था. सीबीआई द्वारा चार्जशीट पेश की गई है वह प्राथमिक स्टेज पर है. सीबीआई में पेश जो पांच मामलों की जांच की उसमें दो बंद हुये हैं और तीन में चार्जशीट प्रस्तुत की गई हैं.
कल्लूरी ने कहा कि भारत का संविधान पुलिस को आंतरिक सुरक्षा कायम रखने का अधिकार देता है. आत्म सुरक्षा के लिये गोलियों के अलावा बम का भी इस्तेमाल करते हैं. घटना के दौरान गर्मी का मौसम था जब माओवादी व पुलिस के बीच भीषण मुठभेड़ चल रही थी. दोनों ओर से गोला बारूद का उपयोग किया जा रहा था एैसी स्थिति में कई घरों मे आग लगी होगी इससे इंकार नहीं किया जा सकता है. घटना में तीन जवान भी शहीद हुए थे और यह वही क्षेत्र है जहां 76 जवानों को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया था.
बस्तर के आईजीपी एसआरपी कल्लूरी के संवाददाता सम्मेलन के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेश बघेल तथा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कि सीबीआई द्वारा पेश हलफनामे से साबित हो गया कि तालमेटला आगजनी कांड में आईजीपी कल्लूरी ही दोषी हैं.
उन्होंने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया कि अदालत ने पुलिस को निर्देश दिये हैं उसके बाद भी कल्लूरी संवाददाता सम्मेलन कर रहें हैं. सरकार पर मूक दर्शक होने का आरोप लगाते हुये उन्होंने कहा कि दोषी पुलिस अफसर को तुरंत निलंबित किया जाये.
भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव ने कहा कि आईजीपी कल्लूरी इस तरह की बातें कर यह साबित करना चाहते हैं कि पूरे प्रदेश में वही एकमात्र काबिल और होशियार आईपीएस हैं, जबकि हकीकत यह है कि प्रदेश में वे ही एकमात्र निर्मम व अत्याचारी आईपीएस है जो निर्दोष आदिवासियों को फर्जी मुठभेड़ में मारने के विशेषज्ञ बन चुके हैं.