छत्तीसगढ़: CBI कस्टडी में मौत, विवाद
रायपुर | बीबीसी: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक पत्रकार की हत्या के आरोप में घिरे व्यक्ति की सीबीआई हिरासत में हुई मौत को लेकर विवाद शुरु हो गया है.
मृतक शिवकुमार वैष्णव के परिजन का आरोप है कि हिरासत में प्रताड़ना के कारण मौत हुई है, जबकि सीबीआई इसे खुदकुशी का मामला बता रही है.
गरियाबंद के पत्रकार उमेश राजपूत की साल 2011 में 23 जनवरी को उनके घर में हत्या कर दी गई थी. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है.
सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक एमपी मिश्रा के अनुसार, “उमेश राजपूत की हत्या के मामले में 25 सितंबर को दो लोगों को हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद ट्रांजिट हॉस्टल के एक कमरे में उनसे पूछताछ चल रही थी. इसमें से एक शिवकुमार वैष्णव ने 29 सितंबर को बाथरुम में आत्महत्या करने की कोशिश की. जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.”
पुलिस का कहना है कि सोमवार को राजधानी रायपुर के सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान शिवकुमार वैष्णव की मौत हो गई.
लेकिन शिवकुमार वैष्णव के परिजनों का कहना है कि शिवकुमार को पीट-पीट कर मार डाला गया और बाद में सरकारी अस्पताल में भर्ती करा कर झूठी कहानी गढ़ी गई.
शिवकुमार वैष्णव की पत्नी ने कहा, “मेरे पति को सीबीआई के अफ़सरों ने पीट-पीट कर मार डाला और फिर दिखावे के लिये अस्पताल में भर्ती करा दिया गया, जहां हमें उनसे मिलने भी नहीं दिया गया. इस मामले में सीबीआई अफ़सरों को बर्खास्त करके उन पर हत्या का मामला दर्ज़ किया जाना चाहिये.”
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने इस पूरे मामले में न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह की स्थितियां बनी हैं, उनमें न्यायिक जांच से ही पूरी हक़ीक़त सामने आ पायेगी.