PAK: बोया पेड़ बबूल का आम कहाँ से खाय
इस्लामाबाद | समाचार डेस्क: पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख के बेटे को छुड़ाने के लिये अल-जवाहहिरी की बेटियों को छोड़ना पड़ा है. इसे कहते हैं अब काहे पछताये, बोया पेड़ बबूल का, आम कहा से खाये. एक समय पाकिस्तान ने अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को अपने यहां पनाह दी थी. उस समय सारी दुनिया में ओसामा बिन लादेन को खोजा रहा था परन्तु वह पाकिस्तान के एबटाबाद में छुपा बैठा था.
उसी अल कायदा के प्रमुख अल जवाहिरी के दो बेटियों को छुड़ाने के लिये पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल कयानी के बेटे का अपहरण कर लिया गया था. हारकर पाकिस्तान को अल जवाहिरी के दो बेटियों तथा एक और महिला को रिहा करना पड़ा.
पाकिस्तान ने पूर्व सेना प्रमुख अशफाक परवेज कयानी के अपहृत बेटे के बदले में पाकिस्तान ने अल कायदा प्रमुख ऐमन अल-जवाहिरी की दो बेटियों और एक महिला को छोड़ा गया था. एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा करते हुए देश के इतने अंदर तक आतंकी संगठन की पहुंच पर रोशनी डाली गई है.
अल कायदा से संबंधित पत्रिका अल मस्रा के 20वें संस्करण पर आधारित फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसिज की एक परियोजना ‘द लॉन्ग वार जर्नल’ ने कहा कि कैदियों की अदला बदली एक हफ्ते पहले हुई.
Did al Qaeda exchange former Pakistani army chief’s son for Zawahiri’s daughters?
हालांकि, इस खबर की पुष्टि नहीं हो पाई है क्योंकि कयानी के बेटे को अगवा किये जाने की कोई रिपोर्ट नहीं हैं. रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि सेवानिवृत्त कयानी पाकिस्तानी सेना और खुफिया प्रतिष्ठान की सबसे ताकतवार शख्सियतों में से एक हैं जिसने अल कायदा से संबद्ध तालिबान सहित जिहादियों को लंबे अरसे तक प्रायोजित किया. इसमें कहा गया है कि अल मस्रा पत्रिका ने पहले पन्ने पर लिखा है ‘पाकिस्तानी सैन्य कमांडर के बेटे की वजह से हुई रिहाई’.
गौरतलब है कि इसके संकेत पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी के बेटे अली हैदर गिलानी के इंटरव्यू में भी देखने को मिले थे. मई 2016 में हैदर को तीन साल बाद रिहा किया गया था. उन्होंने डॉन अखबार को इंटरव्यू देते हुए बताया था कि उन्हें अयमान अल जवाहरी के परिवार की कुछ महिलाओं के हिराई के लिए किडनेप किया गया था.