बिलासपुर

सिविल इंजीनियरों की भर्ती पर लगी रोक हटी

बिलासपुर | एजेंसी: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में सिविल इंजीनियरों की भर्ती पर लगाई गई रोक को हटा दी है. अदालत ने याचिकाकतरओ के लिए 6 पद को रिक्त रखते हुए शेष 350 पदों पर भर्ती की अनुमति दे दी है.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण यांत्रिकी विभाग द्वारा सिविल इंजीनियर के रिक्त 350 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने विभाग में संविदा पर कार्यरत सिविल इंजीनियर मुकेश कुमार यादव व अन्य 5 ने आवेदन दिया था, लेकिन इनका आवेदन को निरस्त कर दिया गया. इसका कारण आवेदकों की उम्र अधिक होना बताया गया.

इससे निर्णय से क्षुब्ध होकर उक्त सभी इंजीनियरों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया कि शासन द्वारा शिक्षा कर्मियों की भर्ती में भी संविदा शिक्षकों को 45 साल तक आयु सीमा में छूट दी जाती है. तो ऐसे में ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में कार्यरत संविदा इंजीनियरों को आयु सीमा को क्यों छूट नहीं दी जा रही है? इसीलिए उक्त निर्णय सही नहीं है.

मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद उच्च न्यायालय ने ग्रामीण यांत्रिकी विभाग में सिविल इंजीनियरों की भर्ती पर रोक लगा दी थी. प्रकरण की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से कहा गया कि विभाग में सिविल इंजीनियरों की कमी है. इससे कार्य प्रभावित हो रहा है. उच्च न्यायालय से रोक के कारण भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है. वर्तमान में 356 पदों से भी अधिक पद रिक्त हैं.

शासन की ओर से याचिकाकर्ताओं के लिए 6 पद रिक्त रखते हुए शेष पदों पर भर्ती करने की अनुमति प्रदान करने आग्रह किया गया. इसे स्वीकार करते हुए उच्च न्यायालय ने सिविल इंजीनियर के रिक्त 356 पदों में से याचिकाकतरओ के लिए 6 पद रिक्त रखते हुए शेष पदों पर भर्ती करने की अनुमति दे दी है.

error: Content is protected !!