छत्तीसगढ़: भाजपा कोरग्रुप में बदलाव
रायपुर | समाचार डेस्क: छत्तीसगढ़ भाजपा के कोरग्रुप में बड़ा बदलाव किया गया है. अब सांसद रमेश बैस तथा पूर्व राज्यसभा सांसद नंदकुमार साय को इससे हटा दिया गया है. इससे पहले राज्यसभा चुनाव के समय हुई इसकी दिल्ली बैठक में इन दोनों नेताओं को बुलाया गया था परन्तु दिल्ली में 23 अगस्त को होने वाली छत्तीसगढ़ भाजपा कोरग्रुप की बैठक में इन्हें नहीं बुलाया गया है.
उल्लेखनीय है कि भाजपा में कोरग्रुप सबसे ताकतवर समिति मानी जाती है जहां पर बड़े तथा रणनीतिक फैसले लिये जाते हैं.
छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिश ने इस बारे में कहा है कि भाजपा कोरग्रुप में मुख्यमंत्री समेत 10 सदस्य हैं. अमित शाह की बैठक में सासंद रमेश बैस और नंदकुमार साय शामिल नहीं होंगे. कोरग्रुप की सूची में दोनों नेताओं का नाम नहीं है.
वहीं, सांसद रमेश बैस का कहना है कि भाजपा कोरग्रुप में मेरा नाम नहीं है. ऐसी कोई जानकारी मुझे नहीं है. 23 अगस्त की बैठक की भी मुझे कोई जानकारी नहीं है. फइलहाल मैं इस संबंध में कुछ नहीं कह सकता हूं.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ भाजपा की कोरग्रुप में मुख्यमंत्री के अलावा राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री सौदान सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय, राज्यसभा सदस्य रामविचार नेताम, राज्य अद्यक्ष धरमलाल कौशिश, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, पूर्व राज्य महामंत्री रामप्रताप सिंह, केन्द्रीय राज्यमंत्री विष्णुदेव साय, छत्तीसगढ़ के खाद्यमंत्री पुन्नूलाल मोहले तथा कृषिमंत्री बृजमोहन अग्रवाल हैं.
भाजपा में कोरग्रुप केन्द्रीय नेतृत्व तय करता है जाहिर है कि छत्तीसगढ़ के कोरग्रुप में बदलाव के पीछे केन्द्रीय नेतृत्व की सहमति है. इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.