राष्ट्र

राजनाथ ने की शांति की अपील

श्रीनगर | समाचार डेस्क: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाश सिंह ने कश्मीर में शांति की अपील की है. उन्होंने वहां के युवाओं से पाकिस्तान के उसकावे में विरोध प्रद्रर्शन न करने की अपील की है. राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षाबलों से पेलेट गन का सीमित उपयोग करने के लिये कहा गया है. इसी के साथ उन्होंने पाकिस्तान पर कश्मीर के लोगों को आतंकवादी बनने के लिये उसकाने का आरोप लगाया है.

राजनाथ ने बीते दो सप्ताह से अशांत चल रहे कश्मीर के अपने दो दिवसीय दौरे के समापन पर मीडिया से कहा कि दिल्ली हर किसी से बातचीत के लिए तैयार है, जिससे कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो सके.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घाटी के हालात से बहुत चिंतित हैं, जहां आठ जुलाई को आतंकवादी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद सड़कों पर भड़के विरोध प्रदर्शनों में अबतक 45 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.

राजनाथ ने कहा, “मैं जम्मू एवं कश्मीर के युवाओं से पत्थरबाजी में शामिल न होने का अनुरोध करता हूं और सुरक्षाबलों से मैंने कहा है कि जहां तक संभव हो सके प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पेलेट गन के इस्तेमाल से बचें.”

उन्होंने संसद में जताई गई अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि केंद्र सरकार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गैर-प्राणघातक हथियारों के इस्तेमाल पर सुझाव देने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम गठित करेगी, जो दो महीने में अपनी रपट सौंपेगी.

उन्होंने कहा कि नई दिल्ली रचनात्मक संवाद के लिए तैयार है, जिससे घाटी में सामान्य स्थिति बहाल हो सके.

उन्होंने कहा कि श्रीनगर प्रवास के दौरान वह 13 प्रतिनिधिमंडलों से मिले और उनसे कश्मीर में शांति एवं सामान्य स्थिति बहाली में रचनात्मक सुझावों के जरिए सरकार की मदद करने के लिए कहा.

उन्होंने कहा कि यदि वैचारिक मतभेद हैं, तो उन्हें संवाद के जरिए सुलझाया जा सकता है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकार अलगाववादी नेताओं से बातचीत करने को तैयार है तो गृहमंत्री ने इससे इनकार तो नहीं किया, लेकिन यह जरूर कहा कि स्थिति का सामान्य होना सबसे अहम है.

उन्होंने कहा, “सबसे पहले हमें घाटी में स्थिति को सामान्य करना होगा. उसके बाद ही हम निर्णय लेंगे कि हमें अलगाववादियों से या किसी और समूह से बात करनी है या नहीं.”

गृहमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस्लामाबाद की लाल मस्जिद में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाता है, दूसरी ओर कश्मीर में युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करता है.

उन्होंने कहा, “मैं अपने पड़ोसी देश से कहना चाहूंगा कि वह आतंकवाद से पीड़ित है. आतंकवादियों को मार गिराने के लिए आपको अपनी लाल मस्जिद पर धावा बोलना पड़ा था. लेकिन आप हैं कि कश्मीरी युवकों को आतंकवाद अपनाने के लिए उकसा रहे हैं. इसे रोका जाना चाहिए. पाकिस्तान की भूमिका ठीक नहीं है. उन्हें जम्मू एवं कश्मीर के बारे में अपनी आदत और सोच बदलनी चाहिए.”

गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुरहान वानी को ‘शहीद’ का दर्जा देते हुए उसकी सराहना की थी, जिसने कश्मीर की आजादी की लड़ाई में अपनी जान दी.

शरीफ ने शुक्रवार को भी भड़काऊ बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तान उस दिन का इंतजार कर रहा है, जब कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा होगा.

गृहमंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में किसी तीसरी ताकत को शामिल करने की कोई आवश्यकता नहीं है.

उन्होंने कहा, “मैंने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की और उन्हें आश्वास्त किया है कि ऐसे किसी भी घायल व्यक्ति को, जिसका यहां उपचार संभव न हो, दिल्ली भेजा जा सकता है. सरकार एम्स में उसका इलाज कराएगी.”

राजनाथ ने अशांति के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति शोक संवेदनना भी व्यक्त की.

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