देश विदेश

नकली H-1B वीजा से लाखों डॉलर कमाया

वाशिंगटन | समाचार डेस्क: अमरीका में भारतीय मूल के चार लोगों ने एच-1बी वीजा के लिये नकली दस्तावेज बनाकर लाखों डॉलर कमाया. अब वे चारों जेल के सीखचों के पीछे हैं. भारतीय मूल के चार अमरीकियों पर एच-1बी वीजा की जालसाजी के लिए षडयंत्र रचने का आरोप तय किया गया है. इन्हें फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने, फर्जी मेल जैसे अन्य अपराध करने के मामले में आरोपी बनाया गया है. अमरीका के संघीय अभियोजकों ने एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी है.

दंपति सुनीता गुंतिपल्ली और वेंकट गुंतिपल्ली तथा प्रताप बॉब कोंदामूरी और संध्या रामिरेड्डी पर आरोप है कि इन लोगों ने अनुचित रूप से 100 से अधिक एच-1बी विशेषज्ञता वाले वर्क वीजा का आवेदन जमा करने के लिए कैलिफोर्निया के तीन निगमों का इस्तेमाल किया था. यह बात कैलिफोर्निया के नादर्न डिस्ट्रिक्ट स्थित अमेरिकी अटार्नी के कार्यालय से जारी बयान में कही गई है.

पिछले सप्ताहांत इन चारों पर कुल 33 आरोप निर्धारित किए गए. इन चारों पर वीजा में जालसाजी करने के लिए साजिश रचने, झूठा बयान देने, मेल में जालसाजी करने, न्याय में बाधा डालने, साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने और इन अपराधों को बढ़ावा देने का आरोप है.

बयान के अनुसार, अभियुक्तों ने सरकार से कहा कि एच-1बी वीजा आवेदन में जिन विदेशी कामगारों का नाम है, उन्हें अमरीका की कुछ खास कंपनियों में ही नियुक्त किया जाएगा.

लेकिन, बचाव पक्ष के आवेदन में जिन कंपनियों के नाम हैं, वे कंपनियां या तो वजूद में ही नहीं हैं या हैं भी तो आवेदन में दर्ज विदेशी कामगारों को स्वीकार करने के पक्ष में नहीं हैं.

यह आरोप लगाया गया है कि डी. एस. सॉफ्ट टेक और इक्विनेट नाम की दो कंपनियों पर मालिकाना हक, निर्देशन और नियंत्रण के जरिए गुंतिपल्ली ने करीब 33 लाख डॉलर शुद्ध लाभ कमाया और वर्ष 2010 से 2014 के बीच करीब एक करोड़ 70 लाख डॉलर सकल लाभ कमाया.

अभियोग के मुताबिक, पति-पत्नी की टीम ने ही डीएस सॉफ्ट टेक और इक्विनेट की स्थापना की थी और दोनों की कंपनियों में वेंकट अध्यक्ष और सुनीता उपाध्यक्ष पद पर कार्यरत थे.

नेवादा का कोंडामूरी एसआईएसएल नेटवर्क का संस्थापक और मालिक है. आरोप है कि कोंडामूरी की बहन रामिरेड्डी इन तीनों कंपनियों की मानव संसाधन प्रबंधक है.

इसके अलावा कोंडामूरी, सुनीता गुंतीपल्ली और रामिरेड्डी पर अपनी करतूत को छिपाने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया गया है.

error: Content is protected !!