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RBI ने माना दालों की महंगाई

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: रिजर्व बैंक ने माना कि दालों की थोक महंगाई दर खाद्य पदार्थो से दस गुना है. भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार मार्च माह में थोक खाद्य महंगाई दर 3.73 फीसदी रही. वहीं, दलहन की महंगाई दर 34.45 फीसदी रही. उल्लेखनीय है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ ने इस साल यानी 2016 को दालों का वर्ष घोषित किया है. यानी की दुनिया में राष्‍ट्रों का यह संघ आपको दाल खाने के लिए प्रेरित करेगा.

संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि दालों में भरपूर प्रोटीन होता है, लेकिन बावजूद इसके कई देशों में इसे खाया नहीं जाता है. यही नहीं भारत में तो इसे शाकाहारी भी खाने से आगे पीछे होते हैं. खास बात है कि भारत में तो दालों के दाम आसमान पर ही रहते हैं और ऐसे में प्रति व्‍यक्‍ति आय के हिसाब से बेहद पीछे रहने वाले इस देश में दाल तो आसमान का फल ही दिखाई देता है.

2014-15 में दाल का उत्पादन 18.43 मिलियन टन रहने की उम्मीद है जबकि 2013-14 में यूपीए के कार्यकाल के दौरान 19.78 मिलियन टन दाल का उत्पादन था और दाल 80 रुपए किलो थी.

दाल का सबसे बड़ा निर्यातक देश कनाडा है. इसके बाद चीन, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और बर्मा का नंबर लगता है.

उल्लेखनीय है कि एक साल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा, अमरीका, चीन और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा कर चुके हैं, यदि वे विदेश से सस्ती दाल लेकर लौटते तो देश के लोगों का कुछ भला हो जाता. देश ने 2013-14 में 3 मिलियन टन दाल का आयात किया था. वहीं 2014-15 में देश ने 3.4 मिलियन टन दाल का आयात किया है.

इस दौरान हालांकि प्याज 17.65 फीसदी सस्ता हुआ और सब्जियां 2.26 फीसदी सस्ती हुई.

पेट्रोल और डीजल क्रमश: 9.87 फीसदी और 9.79 फीसदी सस्ता हुए.

देश की थोक महंगाई दर मार्च महीने में बढ़कर नकारात्मक 0.85 फीसदी दर्ज की गई, जो फरवरी में नकारात्मक 0.91 फीसदी थी. इसके साथ ही थोक महंगाई दर लगातार 17वें महीने नकारात्मक दायरे में रही.

यह जानकारी यहां सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़े में दी गई. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी थोक मूल्य सूचकांक आंकड़े पर आधारित थोक महंगाई दर एक साल पहले यानी मार्च 2015 में 2.33 फीसदी थी.

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