नौ करोड़ का ‘युवराज’
मोतिहारी | एजेंसी: एक ऐसा भैंसा है जिसके दूध नहीं कीमती वीर्य के कारण उसका खुद की कीमत नौ करोड़ रुपये की हो गई है. बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के कोटवा में आयोजित दो दिवसीय पशुमेला में नौ करोड़ रुपये की कीमत वाला एक भैंसा ‘युवराज’ लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसके वीर्य को बेचकर प्रतिवर्ष 60 लाख रुपये कमाई होती है. इस भैंसे को हरियाणा के किसान कर्मवीर सिंह हिसार से लेकर यहां आए हैं. इस भैंसे को देखने और उसके विषय में जानने वालों की यहां भीड़ लगी रहती है. लोग भैंसे और उसके मालिक के साथ सेल्फी भी ले रहे हैं.
देश के विभिन्न हिस्सों में लगने वाले पशु मेलों में ‘युवराज’ को लेकर जा चुके कर्मवीर सिंह बताते हैं कि इस भैंसे को खरीदने के लिए लोग लगातार संपर्क में रहते हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली और हरियाणा में खरीददार इसकी नौ करोड़ रुपये तक कीमत लगा चुके हैं जबकि पंजाब में इसकी कीमत सात करोड़ रुपये लगाई गई थी.
कर्मवीर बताते हैं कि ‘मुर्राह नस्ल’ के इस भैंसे के वीर्य की मांग पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सहित कई राज्यों में है. इसकी प्रजनन क्षमता गजब की है. बाजार में इस नस्ल के भैंसे के वीर्य की कीमत बहुत ज्यादा है. भैंसों की कीमत भी नस्ल के मुताबिक वीर्य की गुणवत्ता के हिसाब से तय की जाती है.
उन्होंने बताया कि परिवार का हिस्सा बन चुके ‘युवराज’ के फिटनेस का भी पूरा ध्यान रखा जाता है. 14 फीट लंबे और 5 फुट 9 इंच ऊंचाई वाला यह भैंसा रोजाना 20 लीटर दूध का सेवन करता है. इसके अलावा 5 किलो सेब, 15 किलो अच्छी गुणवत्ता वाला पशु आहार और लीवर टॉनिक इसे खाने को दिया जाता है.
इतना ही नहीं ‘युवराज’ को प्रतिदिन चार से पांच किलोमीटर टहलाया भी जाता है, ताकि इसका स्वास्थ्य ठीक रहे. कर्मवीर बताते हैं कि ‘युवराज’ पर प्रतिदिन करीब चार हजार रुपये खर्च होते हैं.
कर्मवीर ने बताया कि आठ वर्षीय युवराज प्रति 10 दिनों के बाद 500 सीसी वीर्य देता है. कर्मवीर की मानें तो युवराज के वीर्य को बेचकर उन्हें प्रतिवर्ष 60 लाख रुपये की कमाई होती है.
मेले में केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने ‘युवराज’ के मालिक कर्मवीर सिंह को सम्मानित किया. इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि यह आयोजन किसानों व पशुपालकों के लिए अच्छे, दुधारू व उन्नत नस्ल के पशुओं के प्रजनन का गुर सिखाएगा.