प्रभु की रेल, सदन में पेश
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को लोकसभा में रेल बजट 2016-17 पेश किया. प्रभु ने अपने दूसरे रेल बजट भाषण के शुरू में कहा, “यह समय चुनौतीपूर्ण है और भारतीय रेल की आगे की यात्रा के लिए सहयोग, समन्वय और संचार की रणनीति अपनाई जाएगी.”
प्रभु ने कहा, “हम देश में बुनियादी ढांचे में निवेश में अग्रणी रहेंगे.” रेल मंत्री सुरेश प्रभु द्वारा गुरुवार को लोकसभा में पेश रेल बजट की कुछ खास बातें इस प्रकार हैं : – एलआईसी पांच साल में करेगी 1.5 लाख करोड़ रुपये निवेश. आईआरसीटीसी चरणबद्ध तरीके से विवाह कैटरिंग सेवा शुरू करेगी.
– नए शोध एवं विकास (आरएंडडी) संगठन होंगे स्थापित.
– रेल कर्मचारियों के स्टार्ट-अप में होगा 50 करोड़ रुपये का निवेश.
– ई-कैटरिंग का सभी स्टेशनों पर विस्तार.
– रेल यात्रियों के लिए पसंदीदा स्थानीय व्यंजन होंगे उपलब्ध.
– एलआईसी पांच साल में करेगी 1.5 लाख करोड़ रुपये निवेश.
– मुंबई उपनगरीय रेल नेटवर्क पर चर्चगेट और सीएसटी के बीच दो उपरिगामी रेल मार्गो का निर्माण होगा.
– क्षमता सुधार के लिए विशेष क्षेत्रों में विशेषज्ञ दल का गठन.
– पूरे देश के लिए दिन-रात चालू रहने वाली महिला हेल्पलाइन.
– व्यस्त मार्गो पर पूरी तरह अनारक्षित रेलगाड़ियों का संचालन.
– रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय कला शैली को तरजीह.
-वडोदरा स्थिति अकादमिक संस्थान को विश्वविद्यालय का दर्जा.
– रेलवे 2017-18 में नौ करोड़ श्रम दिवस रोजगार पैदा करेगा. 2018-19 में 14 करोड़ श्रम दिवस का लक्ष्य.
– वरिष्ठ नागरिकों के लिए लोवर बर्थ का कोटा 50 फीसदी बढ़ेगा.
– उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम और पूर्वी तट के लिए समर्पित माल-ढुलाई गलियारा.
– पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को बढ़ावा.
– रिटायरिंग रूम की ऑनलाइन बुकिंग हो सकेगी.
– मौजूदा वित्त वर्ष की समाप्ति तक 17 हजार अतिरिक्त जैविक शौचालय चालू होंगे.
– मेक इन इंडिया पहल के तहत दो नए लोको कारखाने की बोली पूरी.
– इस साल 100 और स्टेशनों पर और अगले वर्ष 400 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा.
– 2,800 किलोमीटर तक रेल पटरी को बड़ी लाइन में बदलने का प्रावधान.
– 2016-17 में रोजाना सात किलोमीटर तक नई बड़ी लाइन पर संचालन शुरू.
– 2018-19 तक रोजाना 19 किलोमीटर नई बड़ी लाइन पर संचालन शुरू करने का लक्ष्य.
– अगले पांच साल में 8.8 लाख करोड़ रुपये अवसंरचना पर होंगे खर्च.
– सरकार से 40 हजार करोड़ रुपये बजटीय सहयोग की उम्मीद.
– बजट में पूरे देश की उम्मीदों की झलकी.
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने की पूरी कोशिश.
– संचालन अनुपात 92 फीसदी हासिल करने की कोशिश.
– गत वर्ष के आंकलन में 8,720 करोड़ रुपये बचत की उम्मीद.
– 1.21 लाख करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान.