j&k में क्षेत्रीय दल सरकार बनाये
भाजपा को राज्य की सत्ता से बाहर रखने के लिए क्षेत्रीय दलों के गठबंधन की सरकार बननी चाहिए. यही राज्य की जरूरत है, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि यह जल्दी संभव होने वाला है. जम्मू एवं कश्मीर में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इकलौते विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने एक साक्षात्कार में यह बात कही.
तारिगामी ने एक बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी हमेशा से जानती थी कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन ‘अवसरवादियों का गठबंधन है.’ इनका कथित गठबंधन का एजेंडी या न्यूनतम साझा कार्यक्रम और कुछ नहीं सत्ता पाने के लिए पहना गया महज एक मुखौटा है.
दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के विधायक तारिगामी ने कहा, “सईद के निधन के बाद अब उन्हें इस गठबंधन को फिर से लागू करने में दिक्कत हो रही है. पीडीपी-भाजपा गठजोड़ के पास शासन करने के लिए कोई भी समान आधार नहीं है. इनका एजेंडा अस्पष्ट है.”
राज्य में राजनैतिक गतिरोध को खत्म करने के लिए फिर से चुनाव कराने के विपक्षी दल नेशनल कान्फ्रेंस के सुझाव से तारिगामी सहमत नहीं हैं.
उन्होंने कहा, “नए चुनाव कराने और करदाताओं के पैसे को बर्बाद करने की कोई जरूरत नहीं है. राज्य के नेताओं को अपने छोटे-मोटे मतभेदों को भुलाकर एक मजबूत सरकार बनाने के लिए एक साथ आना चाहिए. उन्हें कश्मीर में पीडीपी-भाजपा की बांटने वाली नीति को शिकस्त देने की तरफ ध्यान देना चाहिए.”
जम्मू-कश्मीर 87 सदस्यीय विधानसभा में माकपा का सिर्फ एक विधायक है. क्या माकपा भाजपा के बिना बने किसी गठबंधन का समर्थन करेगी, यह पूछने पर तारिगामी ने कहा, “हां. लेकिन, अभी ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है.”
उन्होंने कहा, “लेकिन, अगर पीडीपी, भाजपा से संबंध तोड़ ले तो क्षेत्रीय पार्टियों को बेहतरी के लिए निश्चित रूप से एक साथ आना चाहिए और धर्मनिरपेक्ष एवं मजबूत सरकार का गठन करना चाहिए.”
उन्होंने कहा, “राज्य में सांप्रदायिक हिंसा की वारदात अभूतपूर्व रूप से बढ़ी हैं. जम्मू एवं कश्मीर का भाजपा के साथ कोई भविष्य नहीं है.”
उन्होंने कहा, “पीडीपी और भाजपा के मिलकर फिर सरकार बनाने पर मुझे कोई ताज्जुब नहीं होगा. ये दोनों दल लोगों की भावनाओं से खेलते रहे हैं. इनका एकमात्र लक्ष्य किसी भी तरह सत्ता पाना है. मुझे पूरी उम्मीद है कि ये दोनों अपने कथित मतभेदों को आने वाले दिनों में दूर कर सरकार बनाएंगे.”