रायपुर

बांग्लादेशी विमान कब उड़ान भरेगा?

रायपुर | समाचार डेस्क: रायपुर के माना एयरपोर्ट पर खड़ा बांग्लादेशी विमान पिछले छः माह से उड़ान भरने की राह देख रहा है. पिछले साल 7 अगस्त को जिस बांग्लादेशी विमान की इमरजैंसी लैंडिंग हुई थी, वह अब 2016 में शीघ्र ही उड़ान भरेगा. इसके लिए चार सदस्यीय टीम बांग्लादेश से माना एयरपोर्ट पहुंच गई है.

टीम ने मंगलवार को विमान का फिजिकल वेरीफिकेशन किया. इसमें पाया गया कि एक इंजन पूरी तरह से खराब हो चुका है. वहीं एंटी आइस डक्ट एक्सेस की क्वाइलिंग भी खराब हो चुकी है. इस वजह से विमान के दोनों इंजन बदलने होंगे. फिलहाल इंजीनियरों के पहुंचने के साथ ही अब इंजन के आने का इंतजार किया जा रहा है. बताया जाता है कि इसमें कस्टम क्लीयरेंस की वजह से कुछ लेटलतीफी हो सकती है.

स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट माना के निदेशक संतोष धोके का कहना है कि बॉर्डर पर कस्टम वेरीफिकेशन के चलते इंजन आने में लेटतलीफी हो सकती है. बांग्लादेश से पहुंची चार सदस्यीय टीम ने मंगलवार को विमान का फिजिकल वेरीफिकेशन किया.

राजधानी स्थित माना विमानतल पर गत 7 अगस्त को बांग्लादेश से मस्कट जा रहे विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी. तब से विमान आज तक माना एयरपोर्ट पर ही खड़ा है. छग में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी अंतर्राष्ट्रीय विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी. इस विमान में चालक दल के सदस्यों सहित 173 यात्री सवार थे. लैंडिग के लगभग तीन घंटे तक यात्रियों को विमान में बैठाकर रखा गया था.

दिल्ली से अनुमति मिलने के बाद ही यात्रियों को बाहर निकाला गया. फिर 24 घंटे के बाद ढाका से यात्रियों के लिए दूसरे विमान की व्यवस्था की गई थी. लेकिन छग में पहली बार हुए किसी अंतर्राष्ट्रीय विमान इमरजेंसी लैंडिंग को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था. पुलिस के खुफिया विभाग द्वारा की गई जांच-पड़ताल के बाद ही यात्रियों को एयरपोर्ट पर रुकने दिया गया था. वहीं बांग्लादेशी एयरलांइस के दो इंजीनियर कोलकाता से विमान की खराबी दूर करने आए थे. पर उन्होंने साफ कर दिया था कि इंजन में सुधार कार्य नहीं किया जा सकता.

मस्कट जा रहे जिस विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई थी, उस विमान का एक हिस्सा राजधानी से 100 किलोमीटर दूर बेमेतरा के गंगापुर गांव में गिर गया था. बताया जाता है कि इसके गिरते ही झटके से विमान का इंजन बंद हो गया और एक इंजन के सहारे उड़ान भरना संभव नहीं था. लिहाजा उसकी लैंडिंग अनिवार्य हो गई थी. जानकार बताते हैं कि विमान के लैंडिंग के निर्णय में थोड़ी सी देरी भी घातक हो जाती और विमान गिर भी सकता था.

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