कांग्रेस-वाम गठजोड़ अपरिहार्य
पश्चिम बंगाल चुनाव के पहले कांग्रेस-वाम गठजोड़ की बात उठने लगी है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अब तीन महीने बचे हैं. इसे देखते हुए राज्य में कांग्रेस के नेताओं की बड़ी संख्या यह मांग कर रही है कि तृणमूल कांग्रेस को परास्त करने के लिए वामपंथी मोर्चे के साथ चुनावी गठबंधन किया जाए. राज्य कांग्रेस के महासचिव ओम प्रकाश मिश्रा ने 2016 के विधानसभा चुनान में वोट-सीट का गहन विश्लेषण किया है. उनका कहना है कि केवल कांग्रेस-वाम मोर्चा गठजोड़ तृणमूल को हरा सकता है.
लेकिन, राज्य में कांग्रेस के ऐसे नेता भी हैं जो इस विचार के खिलाफ हैं. इन्हीं में मानस भुइयां शामिल हैं. उनका कहना है कि 34 साल लंबे वाम मोर्चा सरकार के समय में कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हुए थे. अगर आज कांग्रेस और वाम मोर्चे का गठबंधन हुआ तो उन्हें डर है कि कई कांग्रेस कार्यकर्ता तृणमूल का दामन थाम लेंगे या घर बैठ जाएंगे. उनका कहना है कि यह लगभग असंभव है कि कांग्रेस के मत मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा को मिल सकेंगे.
उनका यह भी कहना है कि बंगाल से बाहर केरल और त्रिपुरा में कांग्रेस की सीधे वाम मोर्चा से लड़ाई है. बंगाल का गठबंधन इस लड़ाई को कमजोर करेगा और इसका लाभ दोनों राज्यों में जड़ जमाने की कोशिश कर रही भाजपा को मिलेगा.
लेकिन, मिश्रा इन तर्को से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा, “बंगाल में हम 60 साल से एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ते रहे हैं. लेकिन, इसी के साथ यह भी सच है कि तृणमूल के कुशासन के खिलाफ हमारा एक ही रुख है.”
मिश्रा ने एक खास मुलाकात में कहा, “हम तृणमूल के आतंक के राज को जारी नहीं रहने दे सकते. विपक्षी दल होने की हैसियत से यह हमारा कर्तव्य है कि हम जनता को अच्छा विकल्प दें. इसलिए जरूरी है कि कांग्रेस और वाम मोर्चा एक साथ आएं.”
मिश्रा इस बारे में दो बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिख चुके हैं.
उन्होंने चुनावी गणित समझाते हुए कहा, “कोई भी तार्किक व्यक्ति इस बात पर शर्त लगा सकता है कि भाजपा को पांच फीसदी से अधिक मत नहीं मिलेगा. बीते साल स्थानीय निकाय का चुनाव इसी तरफ संकेत कर रहा है. 2014 में कांग्रेस और वाम मोर्चे की कीमत पर भाजपा को 17 फीसदी मत मिल गए थे.”
उन्होंने कहा, “भाजपा की लोकप्रियता घटने और इसके अप्रासंगिक हो जाने के बाद अपने-आप कांग्रेस और वाम मोर्चा के पक्ष में मतों का झुकाव हो जाएगा.”
जादवपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस-वाम मोर्चा गठजोड़ राज्य में 294 में से 170 सीट जीत सकता है.
बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी, माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम कांग्रेस-वाम मोर्चा के गठबंधन के पक्ष में आवाज उठा चुके हैं.
मिश्रा का कहना है कि बंगाल में कांग्रेस-वाम मोर्चा की दोस्ती का असर केरल और त्रिपुरा पर नहीं पड़ेगा क्योंकि हर राज्य की अलग स्थितियां होती हैं.