कलारचना

साधना ने गिराया बरेली के बाजार में…

नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: बीते दिनों की बॉलीवुड की अदाकारा साधना ने एक समय पूरे देश में ‘बरेली के बाजार में झुमका..’ गिरा दिया था. दरअसल, फिल्म ‘मेरा साया’ में उनका यह गाना इतना हिट हो गया था कि बच्चे-युवा तथा बूढ़ों के भी जबान पर यह गाना था. मनोरंजन-जगत की मशहूर अदाकारा साधना ने 1960 से 1970 के दशक तक दर्शकों के दिलों पर राज किया. खैर खूबसूरत अभिनेत्री ने 74 वर्ष की उम्र में शुक्रवार को हम सभी को अलविदा कह दिया, वह लंबे समय से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से जूझ रही थीं.

लोकप्रिय गीत ‘झुमका गिरा रे, बरेली के बाजार में’ जैसे कई मशहूर गीत देने वाली अभिनेत्री ने कई खूबसूरत गीतों में अपनी शानदार प्रस्तुति दी. साधना का पूरा नाम साधना शिवदसानी था. उनका जन्म कराची में एक सिंधी परिवार में 2 सितंबर,1941 को हुआ था.

साधना अपने माता-पिता की एकमात्र संतान थीं और 1947 में देश के बंटवारे के बाद उनका परिवार कराची छोड़कर मुंबई आ गया. देश के विभाजन के समय वह केवल सात साल की थीं. साधना का नाम उनके पिता ने उन दिनों की अपनी पसंदीदा अभिनेत्री साधना बोस के नाम पर रखा था. उनकी मां ने उन्हें आठ वर्ष की उम्र तक घर पर ही पढ़ाया.

साधना ने 1955 में राज कपूर की फिल्म ‘श्री 420’ में बाल कलाकार के रूप में हिंदी फिल्मों में प्रवेश किया था.

इसके बाद 1958 में उन्होंने भारत की पहली सिंधी भाषा की फिल्म ‘अबाना’ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

जब वह फिल्म की प्रचारक तस्वीर में सामने आईं तो उन पर निर्माता सशधर मुखर्जी की नजर गई और इसके बाद वह एक्टिंग स्कूल से जुड़ीं.

साधना के सह-छात्र भविष्य में उनके सह-अभिनेता जॉय मुखर्जी बने. दोनों ने 1960 में सशाधर मुखर्जी की फिल्म ‘लव इन शिमला’ में काम किया. यह फिल्म आर.के. नय्यर द्वारा निर्देशित थी, साधना ने बाद में उन्हीं से शादी कर ली. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्हें ‘परख’ जैसी कामयाब फिल्म के लिए सम्मानित किया गया.

साधना को लोकप्रिय ‘फ्रिंज’ हेयरकट का श्रेय दिया जाता है, इस हेयरकट में वह बेहद खूबसूरत और प्यारी लगती थीं, इस हेयरकट को ‘साधना कट’ का नाम दिया गया. बॉलीवुड में उनका चूड़ीदार पाजामी और कुर्ता काफी मशहूर है, आज भी लोगों की यह पहली पसंद बना हुआ है.

उल्लेखनीय है कि सत्तर के दशक में अचानक देशभर की लड़कियों में एक अनोखे ढंग से बाल कटाने लगीं. लड़कियां-महिलाएं हेयर सैलून, पार्लर में जाकर एक नए और और बेहद ही अनोखे तरह का हेयरकट करने की मांग करती थीं. यह सभी हेयरकट अभिनेत्री साधना से प्रेरित थे.

साधना को उनकी अदाकारी और अलग हेयरस्टाइल के अलावा ‘एक मुसाफिर एक हसीना’,’असली-नकली’, ‘मेरे महबूब’, ‘वक्त’, ‘वो कौन थी’, ‘मेरा साया’, ‘गबन’, ‘एक फूल, दो माली’ जैसी सफल फिल्मों के लिए जाना जाता है.

साधना ने अपनी आखिरी उपस्थिति अपने रिश्तेदार और अभिनेता रणधीर कपूर के साथ मई 2014 के फैशन शो के रैंप पर दर्ज करवाई, जहां उन्होंने कैंसर और एड्स के मरीजों का सहयोग किया.

वहीं 25 दिसंबर 2015 को साधना ने मुंबई के हिंदुजा अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली. भले ही आज उन्होंने हमें अलविदा कह दिया हो, लेकिन उनकी चंचल आखें, गजब की खूबसूरती और मधुर मुस्कान वाला उनका दिलकश अंदाज अमर रहेगा.

Jhumka Gira Re Bareli Ke Bazaar Mein

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